Uttar Pradesh Trade Show 2025: इन्वेस्टमेंट, इनोवेशन और उद्योग जगत का महाकुंभ
Uttar Pradesh Trade Show 2025: उत्तर प्रदेश आने वाले वर्षों में जिस औद्योगिक क्रांति की ओर बढ़ रहा है, उसकी झलक ग्रेटर नोएडा स्थित इंडिया एक्सपो मार्ट में देखने को मिलेगी. एक्सपो का आयोजन 25 से 29 सितंबर 2025 तक किया जाएगा. यह आयोजन केवल प्रदर्शनी नहीं, बल्कि उद्योग, इन्वेस्टमेंट और इनोवेशन का ऐसा महाकुंभ है, जहां स्टार्टअप से लेकर बहुराष्ट्रीय कंपनियां एक ही मंच पर भविष्य की दिशा तय करेंगी.
Uttar Pradesh Trade Show 2025: उत्तर प्रदेश पारंपरिक रूप से कृषि प्रधान राज्य रहा है, लेकिन पिछले एक दशक में यहां औद्योगिक नीतियों और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में बड़े बदलाव हुए हैं. पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे, डिफेंस कॉरिडोर, मेडिकल डिवाइस पार्क और ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट जैसी योजनाओं ने निवेशकों का विश्वास बढ़ाया है. इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि आज उत्तर प्रदेश देश का निवेश आकर्षण केंद्र बन रहा है. इसी कड़ी में ट्रेड शो को एक फ्लैगशिप इवेंट के तौर पर देखा जा रहा है.
एक्सपो मार्ट में शामिल होंगी 50 से अधिक देशों की 2000 से अधिक कंपनियां
आयोजन समिति के अनुसार, इस बार 50 से अधिक देशों की 2000 से अधिक कंपनियां अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर चुकी हैं. अमेरिका, जापान, जर्मनी और दक्षिण कोरिया जैसे तकनीकी महाशक्तियों के साथ सिंगापुर, यूएई और सऊदी अरब जैसे निवेश हब भी इस शो में सक्रिय रहेंगे. विदेशी प्रतिनिधियों के साथ-साथ, भारत के विभिन्न राज्यों से भी उद्योग जगत की अग्रणी कंपनियां इसमें शामिल होंगी.
फोकस सेक्टर: भविष्य की दिशा
इस आयोजन में 12 प्रमुख क्षेत्रों पर विशेष ध्यान रहेगा—
- इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर
- आईटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
- फार्मा और बायोटेक्नोलॉजी
- टेक्सटाइल और अपैरल्स
- कृषि एवं फूड प्रोसेसिंग
- MSME और स्टार्टअप्स
- रक्षा उत्पादन और एयरोस्पेस
- ऑटोमोबाइल और ई-मोबिलिटी
- ग्रीन एनर्जी और नवीकरणीय संसाधन
- हैंडिक्राफ्ट और पारंपरिक शिल्प उद्योग
- रियल एस्टेट और शहरी विकास
- लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन मैनेजमेंट
इन सेक्टरों के लिए विशेष पवेलियन बनाए गए हैं ताकि निवेशक और उद्यमी सीधे संवाद कर सकें.
MSME और स्टार्टअप को मिलेगा वैश्विक मंच
उत्तर प्रदेश में करीब 90 लाख MSME कार्यरत हैं, जो देश में सबसे बड़ा नेटवर्क है. ये उद्योग न केवल ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों को रोजगार देते हैं बल्कि यूपी की पहचान भी हैं. भदोही की कालीन, बनारस की साड़ियां, फिरोजाबाद का ग्लास उद्योग, मुरादाबाद का पीतल और सहारनपुर की लकड़ी की कारीगरी जैसे उत्पाद इस शो में प्रदर्शित होंगे. साथ ही, युवाओं के स्टार्टअप को विशेष प्रोत्साहन देने के लिए इनोवेशन जोन बनाया गया है, जहां वे अपने विचारों को प्रस्तुत कर फंडिंग और साझेदारी के अवसर पा सकेंगे.
सरकार की रणनीति और तैयारी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आयोजन को लेकर कई उच्चस्तरीय बैठकें की हैं. उनकी प्राथमिकता है कि यह आयोजन ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के बाद उत्तर प्रदेश को एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में लाए.
सरकार ने ‘ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस’ सुधारों पर विशेष बल दिया है
सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम
उद्योग मित्र पोर्टल
भूमि बैंक की उपलब्धता
तेज मंजूरी और निवेशकों को भरोसेमंद माहौल
पीएम मोदी समारोह में होंगे शामिल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उद्घाटन समारोह में शिरकत करेंगे. उनके आगमन से आयोजन को न केवल राष्ट्रीय बल्कि वैश्विक स्तर पर अभूतपूर्व प्रतिष्ठा मिलने वाली है.
स्थानीय लाभ और रोजगार का नया आयाम
विशेषज्ञ मानते हैं कि इस आयोजन से न केवल बड़े उद्योगों को निवेश मिलेगा बल्कि स्थानीय स्तर पर भी रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे.
कृषि आधारित उद्योगों को निर्यात के अवसर
टेक्सटाइल और हथकरघा को ब्रांड वैल्यू
पर्यटन और होटल इंडस्ट्री को सीधा लाभ
ग्रेटर नोएडा और आसपास के क्षेत्र में भी हजारों लोगों को अस्थायी और स्थायी रोजगार मिलने की संभावना है.
चुनौतियां और कसौटी
इतना बड़ा आयोजन अपने साथ कई चुनौतियां भी लाता है.
विदेशी प्रतिनिधियों की सुरक्षा
ट्रैफिक प्रबंधन
ठहरने और आवागमन की सुगमता और सबसे महत्वपूर्ण—ट्रेड शो में हुए MoU और निवेश समझौतों को जमीन पर उतारना.
यही वजह है कि राज्य सरकार ने एक विशेष इंप्लीमेंटेशन मॉनिटरिंग टीम गठित की है जो सुनिश्चित करेगी कि समझौते केवल कागजों तक सीमित न रहें.
भविष्य की दिशा: यूपी का औद्योगिक मॉडल
अगर यह आयोजन सफल रहता है, तो उत्तर प्रदेश ग्लोबल बिज़नेस डेस्टिनेशन के रूप में अपनी स्थायी पहचान बना सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि यूपी आने वाले वर्षों में
इलेक्ट्रॉनिक्स और मैन्युफैक्चरिंग का हब
पूर्वी भारत के लिए लॉजिस्टिक्स गेटवे
और रक्षा उत्पादन का केंद्र बन सकता है.
25 से 29 सितम्बर 2025 तक होने वाला UP Trade Show 2025 केवल एक प्रदर्शनी नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश की औद्योगिक नीति, शासन की गंभीरता और युवाओं की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी इस आयोजन को न केवल ऐतिहासिक बल्कि आर्थिक दृष्टि से मील का पत्थर बनाएगी.
