Union Cabinet: सत्र से पहले कैबिनेट का विस्तार संभव, आखिरी दांव खेलना चाहेगी बीजेपी! जानें क्या होगा बदलाव?

Union Cabinet: सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विस्तार को धरातल पर उतारने के लिए विचार-विमर्श की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है. जानकारी हो कि गृह मंत्री अमित शाह की कुछ सहयोगी दलों के नेताओं से मुलाकात के बाद 8 जनवरी की रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में मैराथन बैठक हुई.

By Aditya kumar | January 14, 2023 8:41 AM

Union Cabinet: संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होने वाला है. ऐसे में महीने के अंतिम सप्ताह से शुरू होने वाले सत्र से पहले उम्मीद जतायी जा रही है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विस्तार को धरातल पर उतारने के लिए विचार-विमर्श की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है. जानकारी हो कि गृह मंत्री अमित शाह की कुछ सहयोगी दलों के नेताओं से मुलाकात के बाद 8 जनवरी की रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में मैराथन बैठक हुई.

जेपी नड्डा के कार्यकाल को मिलेगा एक साल का विस्तार

कई घंटों तक चली इस उच्चस्तरीय बैठक में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और संगठन महासचिव बीएल संतोष ने हिस्सा लिया. सूत्रों का यह भी कहना है कि आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इस चुनाव को मजबूती देने के लिए केवल केंद्रीय मंत्रिमंडल ही नहीं राज्यों और केंद्रीय संगठन में भी अहम बदलाव होंगे. बदलाव की यह प्रक्रिया उम्मीदन केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार से शुरू हो सकती है. साथ ही बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के कार्यकाल को एक साल का विस्तार देने की बात भी कही जा रही है.

सभी राज्यों में भी बदलाव और जरूरी नेतृत्व परिवर्तन होंगे!

जानकारी हो कि यूनियन कैबिनेट में विस्तार के बाद सभी राज्यों में भी बदलाव और जरूरी नेतृत्व परिवर्तन और केंद्रीय संगठन में अहम बदलावों पर मुहर लग सकती है. बताया जा रहा है कि फरवरी 15 तारीख तक हर तरह के बदलाव कर दिए जा सकते है. बता दें कि लोकसभा चुनाव से पूर्व मोदी मंत्रिमंडल का यह बड़ा ही अहम विस्तार मना जा रहा है क्योंकि यह अंतिम विस्तार होगा. व्यापकल स्तर पर चर्चा के बाद विस्तार के जरिए राज्यों के समीकरण साधने के लिए बड़े बदलाव किए जाएंगे ताकि राज्यों के सियासी, सामाजिक समीकरण साधे जा सकें.

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सहयोगी दलों का रखा जा सकता है खास ख्याल

उम्मीद जतायी जा रही है कि भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद एक बार फिर से शीर्ष स्तर पर विमर्श की प्रक्रिया अपनाई जाएगी. साथ ही इस बार के कैबिनेट विस्तार में सहयोगी दलों का भी खास ख्याल रखा जा सकता है. जानकारी हो कि केंद्र की मोदी सरकार और बीजेपी इस धरना को खत्म करना चाहेगी कि उसका रुख सहयोगी दलों के विरुद्ध राहत है. जदयू, अकाली दल के राजग छोडऩे, शिवसेना में बिखराव के कारण बीजेपी पर ऐसी आरोप कई बार लगते रहे है. ऐसे में इस विस्तार में सहयोगी दलों को बेहतर संभावना उपलब्ध कराए जाने के आसार हैं.

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