ST महिलाओं की सुविधाएं छिनेंगी? गैर-आदिवासी विवाह पर उठी मांग, NCST को लिखी चिट्ठी

ST Benefits: त्रिपुरा की राजनीति में नया विवाद सामने आया है. टिपरा मोथा विधायक रंजीत देबबर्मा ने एनसीएसटी को पत्र लिखकर मांग की कि गैर-आदिवासी पुरुषों से विवाह करने वाली आदिवासी महिलाओं की एसटी सुविधाएं रद्द की जाएं. उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे विवाह टैक्स और कानूनी लाभ से बचने के लिए हो रहे हैं.

By Shashank Baranwal | August 19, 2025 11:07 AM

ST Benefits: त्रिपुरा की सियासत में नया विवाद खड़ा हो गया है. टिपरा मोथा पार्टी (TIPRA Motha) के विधायक रंजीत देबबर्मा ने सोमवार को राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (NCST) को पत्र लिखकर मांग की कि अगर कोई आदिवासी महिला गैर-आदिवासी पुरुष से शादी करती है, तो उसे मिलने वाले एसटी विशेष लाभ रद्द कर दिए जाएं.

इस वजह से कर रहे ST महिलाओं से शादी

देबबर्मा ने अपने पत्र में आरोप लगाया कि कई गैर-आदिवासी पुरुष टैक्स और कानूनी प्रतिबंधों से बचने के लिए आदिवासी महिलाओं से विवाह कर रहे हैं. उनका कहना है कि इन शादियों के बाद गैर-आदिवासी लोग आसानी से टीटीएएडीसी (त्रिपुरा ट्राइबल एरियाज ऑटोनॉमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल) क्षेत्र में जमीन-जायदाद खरीदकर वनों की कटाई, बागवानी और रबर के बागान शुरू कर रहे हैं.

एसटी सुविधाएं खत्म करने की मांग

विधायक रंजीत देबबर्मा ने एनसीएसटी से आग्रह किया कि ऐसे विवाहों पर तुरंत रोक लगाई जाए और जो महिलाएं पहले ही गैर-आदिवासी पुरुषों से शादी कर चुकी हैं, उनकी सभी एसटी सुविधाएं रद्द कर दी जाएं.

2018 में भी की गई थी मांग

गौरतलब है कि यह विवाद नया नहीं है. 2018 में इंडिजिनस पीपल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (IPFT-तिप्राहा गुट) ने भी ऐसी ही मांग की थी कि गैर-आदिवासी पुरुषों से शादी करने वाली आदिवासी महिलाओं का एसटी दर्जा खत्म किया जाए. हाल ही में मेघालय की खासी हिल्स स्वायत्त जिला परिषद (KHADC) ने भी इसी तरह का विधेयक पारित किया था, जिसके तहत गैर-एसटी पुरुषों से विवाह करने वाली आदिवासी महिलाओं को एसटी का दर्जा नहीं मिलेगा.