कोरोना को मात दे चुके लोगों में बढ़ रही टीबी की शिकायत? स्वास्थ्य मंत्रालय ने एडवाजरी कर दी जांच कराने की सलाह

सरकार की ओर से जारी बयान के अनुसार, 2020 के अगस्त की शुरुआत में ही देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को कोरोना संक्रमितों और टीबी के मरीजों की पहचान के लिए किए जाने वाले प्रयासों को तेज करने का निर्देश दिया गया था.

By Prabhat Khabar Print Desk | July 17, 2021 6:48 PM

नई दिल्ली : कोरोना महामारी के दौरान टीबी (तपेदिक) के मामलों में बढ़ोतरी के रिपोर्ट के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को एक बार फिर कोरोना से ठीक हुए सभी संक्रमितों को टीबी जांच की सलाह दी है. मंत्रालय की ओर से कोरोना से ठीक हो चुके संक्रमितों में टीबी की शिकायत में होने वाली वृद्धि की रिपोर्ट के बाद एडवाइजरी जारी की गई है, जिसमें केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से सभी कोरोना पॉजिटिव मरीजों को टीबी की जांच और उसका इलाज कराने की सलाह दी गई है.

सरकार की ओर से जारी बयान के अनुसार, 2020 के अगस्त की शुरुआत में ही देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को कोरोना संक्रमितों और टीबी के मरीजों की पहचान के लिए किए जाने वाले प्रयासों को तेज करने का निर्देश दिया गया था. इसके साथ ही, सरकार की ओर से टीबी-कोरोना और टीबी-आईएलआई/एसएआरआई की जांच के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सलाह देने के साथ ही समय-समय पर गाइडलाइन भी जारी की गई है.

स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से यह एडवाइजरी तब जारी की गई है, जब 2020 की शुरुआत से ही कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान टीबी के मामलों में करीब 25 फीसदी की कमी दर्ज की गई है. केंद्र सरकार ने कहा कि अस्पतालों की ओपीडी में टीबी मरीजों की पहचान के साथ ही देश के सभी राज्यों की ओर से प्रभावितों की पहचान के लिए विशेष अभियान भी चलाया जा रहा है.

हालांकि, सरकार की ओर से स्पष्ट शब्दों में कहा जा रहा है कि यह बताने के लिए अभी कोई पर्याप्त सबूत नहीं हैं कि कोरोना की वजह से टीबी के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. टीबी और कोरोना को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि दोनों रोगों को संक्रामक माना जाता है और इन बीमारियों में मरीजों में मुख्य रूप से फेफड़ों पर प्रभाव पड़ता है, जिसमें उनमें खांसी, बुखार और सांस लेने में कठिनाई के समान लक्षण दिखाई देते हैं. हालांकि, टीबी में बुखार की अवधि लंबी होती है और बीमारी की शुरुआत धीमी होती है.

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Posted by : Vishwat Sen

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