तालिबान का दावा 85 फीसद अफगानिस्तान कब्जे में, खतरा बढ़ा तो भारत ने दूतावास कर्मियों को वापस बुलाया

यहां अब भारत का मिशन अफगानिस्तान को लोकल लोगों के हाथ में है हालांकि दूतावास तकनीकी तौर पर खुला है लेकिन भारतीय इस क्षेत्र से बाहर निकल गये हैं. तालिबान ने इस सप्ताह दावा किया है कि उन्होंने 85 फीसद देश का हिस्सा कंट्रोल कर लिया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 12, 2021 7:35 AM

अफगानिस्तान में बदलते हालात को देखते हुए भारत ने कंधार से भारतीय अधिकारियों को विशेष विमान के जरिये वापस बुला लिया. तालिबान इन इलाकों में अपनी जड़े मजबूत कर रहा है हिंसा बढ़ रही है.

यहां अब भारत का मिशन अफगानिस्तान को लोकल लोगों के हाथ में है हालांकि दूतावास तकनीकी तौर पर खुला है लेकिन भारतीय इस क्षेत्र से बाहर निकल गये हैं. तालिबान ने इस सप्ताह दावा किया है कि उन्होंने 85 फीसद देश का हिस्सा कंट्रोल कर लिया है.

अफगानिस्तान के सुरक्षा सूत्रों ने भी माना है कि तालिबना तेजी से आगे बढ़ रहा है लेकिन शहर की महत्वपूर्ण सड़कें और राजमार्ग को नियंत्रण करने वाली सड़क अब भी सुरक्षा बलों के कब्जे में है. भारतीय राजनयिक सूत्रों ने कहा कि अफगानिस्तान के कंधार में भारतीय वाणिज्य दूतावास को बंद करने की खबरें गलत हैं और मिशन ऑपरेशनल है.

Also Read: लखनऊ से कोलकाता भेजे जा रहे दो करोड़ रुपये के कछुए बिहार में बरामद, दो तस्कर गिरफ्तार

समाचार एजेंसी के एएनआई के सूत्रों के अनुसार अफगानिस्तान में सुरक्षा की स्थिति बिगड़ने के साथ, हमारे नागरिकों और उस देश के विभिन्न हिस्सों में मौजूद अधिकारियों को वापस लाने की योजनाओं पर चर्चा की गई है और इस उद्देश्य के लिए कई एजेंसियां चर्चा कर रही हैं.

इस संबंध में पीटीआई के सूत्रों ने जो जानकारी दी है उसमें भारत ने अफगानिस्तान में सुरक्षा की बिगड़ती स्थिति और कंधार के आस-पास के नए इलाकों पर तालिबाल के कब्जे के मद्देनजर इस दक्षिणी अफगान शहर में अपने वाणिज्य दूतावास से करीब 50 राजनयिकों और सुरक्षा कर्मियों को वापस बुलाया है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस संबंध में बयान देते हुए कहा है कि भारत नजदीक से अफगानिस्तान की स्थिति पर नजर रख रहा है. हमारे अधिकारियों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है. कंधार में भारतीय दूतावास बंद नहीं हुआ है. शहर के नजदीक हिंसा और हालात को देखते हुए अधिकारियों को वापस बुला लिया गया है. यह हमेशा के लिए नहीं है अधिकारियों को फिर वापस भेजा जायेगा यह सिर्फ ताजा हालात को देखकर लिया गया फैसला है और यह स्थायी फैसला नहीं है.

Also Read: इंडोनेशिया में डेल्टा वेरिएंट का कहर : ऑक्सीजन देकर भारत की मदद करने वाला देश किल्लत में, मांगी मदद

कंधार और मजार-ए-शरीफ में वाणिज्य दूतावासों के साथ काबुल में भारत का दूतावास है, यहां भारत के 500 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं. रात और जलालाबाद में दो वाणिज्य दूतावासों ने पहले ही हिंसा की बढ़ती घटना और खतरे को देखते हुए काम करना बंद कर दिया था. भारत लगातार वहां की सरकारों की मदद करता रहा है.

भारत में अफगान दूत फरीद ममुंडजे ने कहा, तालिबान को हिंसा बंद करनी चाहिए 2,00,000 से अधिक अफगान नागरिक पहले ही विस्थापित हो चुके हैं. कुल 375 में से 200 जिलों में अफगान बलों और तालिबान लड़ाकों के बीच एक सक्रिय लड़ाई चल रही है। 18 सीमावर्ती जिलों में भी परेशानी है, जो ताजिकिस्तान,उ ज्बेकिस्तान और ईरान के साथ सीमा साझा करते हैं.

Next Article

Exit mobile version