SCO Summit: भारत के खिलाफ साजिश रच रहे थे चीन-पाकिस्तान, राजनाथ सिंह ने कर दिया बेनकाब
SCO Summit: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पहलगाम आतंकवादी हमले को नजरअंदाज करने को लेकर गुरुवार को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के संयुक्त वक्तव्य पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया. राजनाथ सिंह के हस्ताक्षर करने से इनकार करने के बाद सम्मेलन संयुक्त वक्तव्य जारी किए बिना ही समाप्त हो गया.
SCO Summit: पाकिस्तान की मौजूदगी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर, पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद और पहलगाम हमले पर मजबूती के साथ अपनी बात रखी. उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में साइन करने से इनकार कर दिया. जिससे पाकिस्तान और चीन की राजिश नाकाम हो गई. सम्मेलन में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ और चीनी रक्षा मंत्री डोंग जून भी शामिल हुए.
बलूचिस्तान का जिक्र कर भारत को घेरना चाहता था पाकिस्तान
मसौदा प्रस्ताव में पाकिस्तान बलूचिस्तान का जिक्र कर भारत को घेरने की कोशिश में था. चीन भी पाकिस्तान के सपोर्ट में था. पाकिस्तान हमेशा से बलूचिस्तान में आजादी की लड़ाई के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया है. उसका आरोप है कि बलूचिस्तान में जो पाकिस्तान विरोधी आवाज है, उसे भारत हवा दे रहा है. लेकिन राजस्थान सिंह ने स्टेटमेंट पर हस्ताक्षर न कर चीन और पाकिस्तान की मंशा को नाकाम कर दिया है.
मसौदा वक्तव्य में पहलगाम आतंकवादी हमले का उल्लेख नहीं था
राजनाथ सिंह ने कहा कि मसौदा वक्तव्य में न तो पहलगाम आतंकवादी हमले का उल्लेख किया गया और न ही सीमा पार आतंकवाद को लेकर भारत के रुख का जिक्र किया गया. सम्मेलन में अपने संबोधन में सिंह ने सीमा पार आतंकवाद को लगातार समर्थन देने के लिए पाकिस्तान की आलोचना की तथा आतंकवाद के अपराधियों, आयोजकों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों को न्याय के कटघरे में लाने की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा, “कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को नीति के एक साधन के तौर पर इस्तेमाल करते हैं और आतंकवादियों को पनाह देते हैं. ऐसे दोहरे मानदंडों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए. एससीओ को ऐसे देशों की आलोचना करने में संकोच नहीं करना चाहिए.”
अफगानिस्तान को लेकर भारत का रूख स्पष्ट
रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि भारत, अफगानिस्तान में शांति, सुरक्षा व स्थिरता से संबंधित अपनी नीति पर अडिग रहा है. मौजूदा अनिश्चित भू-राजनीतिक परिदृश्य में एससीओ की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए सिंह ने कहा कि सदस्य देश वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान करते हैं और दुनिया की लगभग 40 प्रतिशत आबादी इन देशों रहती है. उन्होंने कहा कि क्षेत्र को सुरक्षित, संरक्षित व स्थिर बनाना सभी के हित में है और इससे लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में योगदान दिया जा सकता है.
