मोजांबिक में एस जयशंकर ने भारत में बनी ट्रेन में किया सफर, परिवहन मंत्री से की बात

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट किया कि मोजांबिक के परिवहन एवं संचार मंत्री और मोजांबिकन पोर्ट एंड रेल अथॉरिटी के चेयरमैन माटियस मगाला के साथ हरित परिवहन पर शानदार बातचीत. रेल नेटवर्क, इलेक्ट्रिक वाहनों और जलमार्ग संपर्क का दायरा बढ़ाने के मुद्दे पर चर्चा की. भारत मोजांबिक का विश्वसनीय भागीदार है.

By Prabhat Khabar Print Desk | April 14, 2023 2:00 PM

मैपुटो : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने मोजांबिक दौरे के दौरान ‘मेड इन इंडिया’ (भारत में निर्मित) ट्रेन में सफर किया और देश में रेल नेटवर्क, इलेक्ट्रिक वाहनों और जलमार्ग संपर्क का दायरा बढ़ाने के मुद्दे पर वहां के परिवहन मंत्री के साथ व्यापक बातचीत की. जयशंकर तीन दिवसीय दौरे पर गुरुवार को मोजांबिक की राजधानी मैपुटो पहुंचे और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने के लिए इस अफ्रीकी देश की संसद के अध्यक्ष से मुलाकात की. जयशंकर मोजांबिक की आधिकारिक यात्रा पर जाने वाले भारत के पहले विदेश मंत्री हैं.

मोजांबिक के परिवहन एवं संचार मंत्री से की बात

उन्होंने ट्वीट किया कि मोजांबिक के परिवहन एवं संचार मंत्री और मोजांबिकन पोर्ट एंड रेल अथॉरिटी के चेयरमैन माटियस मगाला के साथ हरित परिवहन पर शानदार बातचीत. रेल नेटवर्क, इलेक्ट्रिक वाहनों व जलमार्ग संपर्क का दायरा बढ़ाने के मुद्दे पर चर्चा की. भारत इस संबंध में एक विश्वसनीय भागीदार है. विदेश मंत्री ने मोजांबिक में भारत में निर्मित एक ट्रेन में सफर करने की जानकारी भी दी.

भारत में बने ट्रेन पर की यात्रा

उन्होंने ट्वीट किया कि मोजांबिक के परिवहन मंत्री माटियस मगाला के साथ एक ‘मेड इन इंडिया’ ट्रेन में मैपुटो से मछावा के बीच यात्रा की. इस यात्रा में शामिल होने के लिए राइट्स (रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस) के चेयरमैन राहुल मित्तल की सराहना करता हूं. जयशंकर ने मैपुटो में भारतीय समुदाय के लोगों से संवाद करने के साथ ही एक मंदिर में पूजा-अर्चना भी की.

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श्री विश्वंभर महादेव मंदिर में पूजा

उन्होंने ट्वीट किया कि मैपुटो में गुरुवार की शाम श्री विश्वंभर महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना की. यहां भारतीय समुदाय के लोगों के साथ संवाद करके बहुत खुशी महसूस हो रही है. मोजाम्बिक से पहले जयशंकर युगांडा की यात्रा पर गए थे, जहां उन्होंने राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी सहित देश के शीर्ष नेतृत्व से व्यापार, बुनियादी ढांचा, ऊर्जा एवं रक्षा क्षेत्र में संभावित सहयोग पर चर्चा की.

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