एस जयशंकर के बयान पर भड़की कांग्रेस, बताया- सबसे असफल विदेश मंत्री

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने एस जयशंकर को सबसे असफल विदेश मंत्री करार देते हुए कहा, विदेश मंत्री ने एक साक्षात्कार में कहा, हम छोटी अर्थव्यवस्था हैं और वे (चीन) बड़ी अर्थव्यवस्था हैं. हम उनके साथ लड़ाई करते हैं. उसका क्या मतलब है? किसी विदेश मंत्री का यह सबसे निंदनीय बयान है.

By ArbindKumar Mishra | February 22, 2023 2:16 PM

विदेश मंत्री एस जयशंकर के बयान पर कांग्रेस ने भारी नाराजगी जाहिर की है. प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने उन्हें सबसे असफल विदेश मंत्री करार दिया है. दरअसल जयशंकर ने भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर गंभीर आरोप लगाया था. न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में उन्होंने कहा था कि 1962 में कांग्रेस के शासनकाल में ही चीन ने भारत की जमीन पर कब्जा किया था.

कांग्रेस ने जयशंकर को बताया सबसे असफल विदेश मंत्री

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने एस जयशंकर को सबसे असफल विदेश मंत्री करार देते हुए कहा, विदेश मंत्री ने एक साक्षात्कार में कहा, हम छोटी अर्थव्यवस्था हैं और वे (चीन) बड़ी अर्थव्यवस्था हैं. हम उनके साथ लड़ाई करते हैं. उसका क्या मतलब है? किसी विदेश मंत्री का यह सबसे निंदनीय बयान है.

एस जयशंकर ने क्या दिया था बयान

दरअसल विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एएनआई के साथ बातचीत में कहा था कि मैं बताना चाहता हूं कि चीन ने 1962 में हमारी जमीन के एक टुकड़े पर कब्जा कर लिया था और अब आप (विपक्ष) 2023 में मोदी सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि चीन उस जमीन पर ब्रिज बना रहा है जिस पर चीन ने 1962 में कब्जा कर लिया था.

राहुल गांधी को चीन पर ज्ञान होगा तो मैं उनसे भी सीखने के लिए तैयार हूं: विदेश मंत्री

विदेश मंत्री ने कहा, मैं सबसे लंबे समय तक चीन का राजदूत रहा और बॉर्डर मु्द्दों को डील कर रहा था. मैं ये नहीं कहूंगा कि मुझे सबसे अधिक ज्ञान है मगर मैं इतना कहूंगा कि मुझे इस(चीन) विषय पर काफी कुछ पता है. अगर राहुल गांधी को चीन पर ज्ञान होगा तो मैं उनसे भी सीखने के लिए तैयार हूं.

मेरे पिता को इंदिरा गांधी ने सचिव पद से हटा दिया था : जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, मेरे पिता सरकारी अधिकारी थे और वो 1979 में जनता सरकार में सचिव बने थे लेकिन उन्हें सचिव पद से हटा दिया गया था. 1980 में वे रक्षा उत्पादन सचिव थे. जब इंदिरा गांधी दोबारा चुनी गईं थीं तब उन्होंने उनको पद से हटा दिया था. वे काफी ज्ञानी थे, शायद यही दिक्कत थी.

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