RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा – देश के बंटवारे का दर्द कभी नहीं मिटेगा, विभाजन को खत्म करना ही इसका समाधान

RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि विभाजन का दर्द जिन्होंने झेला है, वे जानते हैं कि उस समय की परिस्थितियां क्या और कैसी थीं. उस वक्त यह कहा गया था कि देश का विभाजन हो जाने से सब सुखी होंगे, लेकिन कोई सुखी नहीं हुआ.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 25, 2021 9:26 PM

आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने आज एक बार फिर देश के बंटवारे का मुद्दा उठाया. मोहन भागवत ने कहा कि देश का बंटवारा एक कभी ना मिटने वाला दर्द है और यह तभी खत्म हो सकता है जबकि विभाजन को समाप्त किया जाये.

RSS प्रमुख मोहन भागवत ने ‘विभाजनकालीन भाजपा के साक्षी ’ पुस्तक के लोकार्पण समारोह में कहा देश का बंटवारा एक राजनीतिक मसला नहीं था. देश के विभाजन के लिए तात्कालीन परिस्थितियों से ज्यादा ब्रिटिश सरकार और इस्लामी आक्रमण जिम्मेदार थे.

  • मोहन भागवत ने कहा देश का बंटवारा राजनीति मसला नहीं था

  • विभाजन के लिए इस्लाम और ब्रिटिश आक्रमण जिम्मेदार

  • देश के बंटवारे का दर्द, विभाजन को समाप्त करके मिटेगा

मोहन भागवत ने कहा कि देश का विभाजन हमारे अस्तित्व से जुड़ा है. देश का विभाजन इसलिए हुआ था ताकि देश में सांप्रदायिक उन्माद फैले. हिंदू-मुस्लिम का विरोध हो और खून की नदियां बहे. 1947 में लोगों के मन में नफरत की दीवार खड़ी हुई, जो आजतक महसूस की जा रही है.

मोहन भागवत ने कहा कि विभाजन का दर्द जिन्होंने झेला है, वे जानते हैं कि उस समय की परिस्थितियां क्या और कैसी थीं. उस वक्त यह कहा गया था कि देश का विभाजन हो जाने से सब सुखी होंगे, लेकिन कोई सुखी नहीं हुआ.

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पुस्तक के लेखक कृष्णानंद सागर हैं. उन्होंने इस किताब में विभाजन के दर्द को बयां करने के लिए ऐसे लोगों से बातचीत की है जिन्होंने बंटवारे को देखा और झेला है. गौरतलब है कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कई बार देश के बंटवारे की चर्चा की है और कहा है कि हम आज भी विभाजन के दर्द को समझते और झेलते हैं.

मोहन भागवत ने पहले भी यह कहा है कि देश की एकता और अखंडता के लिए यह जरूरी है कि नयी पीढ़ी अपने इतिहास को जानें. नयी पीढ़ी यह समझे कि देश के विभाजन का दर्द कैसा था. कितने लोग विभाजन की आग में जले हैं.

Posted By : Rajneesh Anand

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