Rajasthan Cabinet Reshuffle : तो इन तीन कारणों से अभी नहीं होगा अशोक गहलोत मंत्रिमंडल का विस्तार? जानें यहां

Rajasthan cabinet reshuffle, ashok gehlot and sachin pilot, congress news : राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार एक बार फिर टलता नजर आ रहा है. कल शाम दिल्ली में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल, कोषाध्यक्ष अहमद पटेल और प्रभारी अजय माकन के बीच बैठक हुई, जिसके बाद विस्तार को लेकर बातचीत टल गई. माना जा रहा है कि अब कैबिनेट विस्तार अगले महीने हो सकती है. वहीं बताया जा रहा है कि कैबिनेट विस्तार को अभी तीन कारणों से टाला गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 26, 2020 12:49 PM

Rajasthan Cabinet Reshuflle : राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार एक बार फिर टलता नजर आ रहा है. कल शाम दिल्ली में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल, कोषाध्यक्ष अहमद पटेल और प्रभारी अजय माकन के बीच बैठक हुई, जिसके बाद विस्तार को लेकर बातचीत टल गई. माना जा रहा है कि अब कैबिनेट विस्तार अगले महीने हो सकती है. वहीं बताया जा रहा है कि कैबिनेट विस्तार को अभी तीन कारणों से टाला गया है.

1. हाईकमान में संकट- मंत्रिमंडल विस्तार टलने का सबसे बड़ा कारण कांग्रेस हाईकमान में उपजे संकट को माना जा रहा है. हाईकमान अभी इस मामले में वेट एंड वाच की स्थिति में है. हाईकमान चाहती है कि सीडब्ल्यूसी बैठक के बाद जो स्थिति उत्पन्न हुई है, उसे सुलझाने के बाद ही मामला आगे बढ़े.

2. राज्य में संगठन विस्तार– कांग्रेस पार्टी राज्य में राजनीतिक अस्थिरता के दौर से गुजर रही है. अजय माकन को नया प्रभारी बनाया गया है. वहीं संगठन में अध्यक्ष के अलावा सभी पद को भंग कर दिया गया है. जिला कार्यसमिति भी भंग है. ऐसे में कांग्रेस चाहती है कि पहले संगठन दुरूस्त किया जाए.

3. पायलट गहलोत के बीच समन्वय- पार्टी हाईकमान की कोशिश हे कि पहले सचिन पायलट और सीएम अशोक गहलोत कज बीच समन्वय बन जाए और दोनों नेता एकजुट होकर लड़ाई लड़े, उसके बाद ही मंत्रिमंडल विस्तार का काम आगे बढ़े. इसी कारण से विस्तार को टाल दिया गया है.

पायलट गुट चाहते हैं आधी भागीदारी– बता दें कि सचिन पायलट गुट आधी भागीदारी चाहते हैं, जिसको लेकर सचिन पायलट ने आलाकमान को आगह भी कर दिया है. पायलट अपने समर्थक विधयकों को मंत्रिमंडल मे जगह देने की मांग रख दी है. बताया जा पायलट ने मंत्रिमंडल में 40 फीसदी हिस्सेदारी की मांग रखी है.

30 मंत्री हो सकते हैं अधिकतम– दरअसल, राजस्थान में अधिकतम 30 मंत्री ही हो सकते हैं. वर्तमान में राजस्थान में 22 मंत्री है. बताया जा रहा है कि 7 मंत्री को हटाया जाएगा. यानी राजस्थान मंत्रिमंडल में 15 नये चेहरे सामने होंगे. वहीं पायलट गुट 15 में से 6 मंत्री पद खुद के पास रखना चाहते हैं.

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Posted By : Avinish Kumar Mishra

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