Raj Thackeray Video : आप हिंदी नहीं थोप सकते हैं, रैली में गरजे राज ठाकरे

Raj Thackeray Video : 'आवाज मराठीचा' नामक विजय सभा में मनसे प्रमुख राज ठाकरे जमकर गरजे. उन्होंने कहा कि हिंदी हमपर कोई थोप नहीं सकता है. उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम एक साथ रहने के लिए एक साथ आए हैं. देखें रैली के खास वीडियो जिसमें 20 साल बाद दोनों भाई साथ नजर आ रहे हैं.

By Amitabh Kumar | July 5, 2025 12:26 PM

Raj Thackeray Video : मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने करीब दो दशक बाद चचेरे भाई और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ मंच साझा किया. मुंबई की रैली को उन्होंने मराठी में संबोधित किया और कहा, ‘’आप हिंदी नहीं थोप सकते हैं. महाराष्ट्र को तिरक्षी नजर से कोई नहीं देख सकता है. उन्होंने कहा कि फडणवीस ने हम दोनों को साथ ला दिया.’’ मुंबई की रैली में राज ठाकरे ने कहा कि मैं करीब 20 साल बाद उद्धव ठाकरे के साथ मंच साझा कर रहा हूं. मराठी लोगों की मजबूत एकता के कारण महाराष्ट्र सरकार ने त्रिभाषा फार्मूले पर फैसला वापस लिया. देखें वीडियो में राज ठाकरे ने और क्या कहा?

राज ठाकरे ने  कहा, “सीएम फडणवीस वह करने में कामयाब रहे जो बालासाहेब ठाकरे नहीं कर सके. मुझे और उद्धव को एक साथ लाना.”

बालासाहेब ठाकरे ने  मराठी को लेकर कभी समझौता नहीं किया

राज ठाकरे ने कहा कि त्रिभाषा फॉर्मूले पर फैसला मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की साजिश का मुख्य हिस्सा था. बालासाहेब ठाकरे ने अंग्रेजी स्कूल में पढ़ाई की, अंग्रेजी अखबार में काम किया लेकिन मराठी को लेकर कभी समझौता नहीं किया. दक्षिण भारत के कई राजनीतिक नेता और फिल्मी हस्तियां अंग्रेजी विद्यालयों में पढ़ी, लेकिन उन्हें तमिल और तेलुगु भाषा पर गर्व है.

उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने मिलाया  हाथ

रैली का एक वीडियो सामने आया है. इसमें उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे हाथ मिलाते हुए नजर आ रहे हैं. राज से हाथ मिलाने के बाद उद्धव ने अपने भाई की पीठ ठोकी. दोनों मंच पर बैठकर हंसी मजाक करते वीडियो में नजर आ रहे हैं. उद्धव ठाकरे ने मुंबई में राज ठाकरे के साथ एक रैली को संयुक्त रूप से संबोधित करते हुए कहा कि हम एक साथ रहने के लिए एक साथ आए हैं.

‘आवाज मराठीचा’ नामक विजय रैली का किया गया आयोजन

दोनों पार्टियों ने महाराष्ट्र के स्कूलों में कक्षा 1 से हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में शुरू करने के लिए सरकार द्वारा पहले जारी किए गए दो सरकारी आदेशों को वापस लेने का जश्न मनाने के लिए ‘आवाज मराठीचा’ नामक एक विजय सभा का आयोजन किया.