सुरक्षा पर उठे सवाल, ओडिशा क्रैश में 280 से अधिक लोगों के मारे जाने के बाद विस्तार की योजना, जानें फैक्ट्स

पीएम मोदी के प्रशासन ने नेटवर्क को आधुनिक बनाने की योजना के तहत हाई-स्पीड ट्रेनों की शुरुआत की है, लेकिन, आलोचकों का कहना है कि इसने सुरक्षा और पुराने बुनियादी ढांचे के अपग्रेड पर उचित ध्यान नहीं दिया गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 4, 2023 11:02 AM

ओडिशा में शुक्रवार की शाम ट्रेनों के बीच भीषण टक्कर ने लोगों के दिलों में दहशत पैदा कर दिया. इस हादसे में अबतक 280 से अधिक लोगों की मौत हो गई है. ओडिशा ट्रेन हादसे ने रेलवे की तैयारियों पर कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं क्योंकि यह बिलकुल नई ट्रेनों और एडवांस स्टेशनों के साथ 2.4 ट्रिलियन रुपये के बदलाव से गुजर रहा है.

क्या है विशेषज्ञों का कहना

विशेषज्ञों का कहना है कि शुक्रवार की दुर्घटना, 20 से अधिक वर्षों में देश की सबसे घातक रेल दुर्घटना, रेलवे के कायाकल्प की योजना के लिए एक झटके के रूप में सामने आई है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स की माने तो, छत्तीसगढ़ के किरोडीमल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख प्रकाश कुमार सेन कहते हैं- पिछले कुछ वर्षों में सुरक्षा रिकॉर्ड में सुधार हुआ है, लेकिन अभी और काम करना बाकी है.

ढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अधिक से अधिक ट्रेनों की शुरुआत

रेलवे विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए रेलवे अधिक से अधिक ट्रेनों की शुरुआत कर रहा है, लेकिन उन्हें बनाए रखने के लिए कर्मचारियों को पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित नहीं किया गया है या उनका काम का बोझ बहुत अधिक है.

देश के सबसे पुराने और व्यस्ततम मार्गों में से एक

प्रकाश कुमार सेन ने कहा कि पूर्वी तट मार्ग जिस पर तीन ट्रेनों की टक्कर हुई, वह देश के सबसे पुराने और व्यस्ततम मार्गों में से एक है, क्योंकि यह भारत के कोयले और तेल की ढुलाई भी करता है. ये ट्रैक बहुत पुराने हैं… उन पर लोड बहुत ज्यादा है, अगर रखरखाव अच्छा नहीं है, तो विफलताएं होंगी. बता दें सेन, भारत में रेल पटरी से उतरने के कारण और सुधारात्मक उपाय पर 2020 के एक अध्ययन के प्रमुख लेखक भी हैं.

इमरजेंसी अलर्ट सिस्टम जैसे सुरक्षा तंत्र स्थापित करने में धीमा

एक इंडिपेंडेंट ट्रांसपोर्टेशन स्पेशलिस्ट और इंटरनेशनल रेलवे जर्नल के लेखक श्रीनंद झा कहते हैं कि रेलवे पूरे नेटवर्क में टक्कर रोधी उपकरण और इमरजेंसी अलर्ट सिस्टम जैसे सुरक्षा तंत्र स्थापित करने में धीमा रहा है. वे आपको हमेशा बताएंगे कि दुर्घटनाएं बहुत प्रबंधनीय स्तर पर हैं क्योंकि वे प्रतिशत के संदर्भ में उनके बारे में बात करते हैं. वे कहते हैं- शुक्रवार की दुर्घटना में शामिल मार्ग पर टक्कर रोधी सिस्टम कवच उपलब्ध नहीं थी.

यह सवाल सुरक्षा पर उठ रहा है क्योंकि

भारतीय रेलवे का कहना है कि सुरक्षा हमेशा एक प्रमुख फोकस रहा है. पिछले कुछ वर्षों में इसकी कम दुर्घटना दर की ओर इशारा करते हुए, रेल मंत्रालय के एक प्रवक्ता कहते हैं- यह सवाल सुरक्षा पर उठ रहा है क्योंकि, अब एक घटना हुई है. लेकिन, अगर आप सालों के लिए आंकड़े देखेंगे, तो आप देखेंगे कि कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई है. आगे बताते हुए प्रवक्ता कहते हैं- प्रति मिलियन ट्रेन किलोमीटर दुर्घटनाओं की संख्या, सुरक्षा का एक पैमाना, वित्त वर्ष 2021-22 में 2013-14 में 0.10 से गिरकर 0.03 हो गया था.

450 बिलियन रुपये की अतिरिक्त धनराशि दी गई

भारतीयों के लिए लंबे समय से जीवन रेखा मानी जाने वाली, 170 साल पुरानी प्रणाली ने तेजी से बढ़ती इकॉनमी में बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के जोर के तहत तेजी से विस्तार और आधुनिकीकरण देखा है. रेलवे के अनुसार 2017-18 में बनाए गए 1 ट्रिलियन रुपये को पांच-वर्षीय सुरक्षा कोष को 2022-23 से पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया है, पहली योजना के बाद सुरक्षा संकेतकों में समग्र सुधार के बाद 450 बिलियन रुपये की अतिरिक्त धनराशि दी गई है.

दुनिया में चौथा सबसे बड़ा ट्रेन नेटवर्क

भारतीय रेलवे दुनिया में चौथा सबसे बड़ा ट्रेन नेटवर्क चलाता है. यह हर दिन 13 मिलियन लोगों को एक जगह से दूसरे जगह ट्रांसपोर्ट करता है. साल 2022 में लगभग 1.5 बिलियन टन माल की ढुलाई भी करता है. इस साल, सरकार ने रेलवे के लिए 2.4 ट्रिलियन रुपये का पूंजी परिव्यय रिकॉर्ड किया, जो पिछले वित्तीय साल की तुलना में 50 प्रतिशत अधिक है, इसे ट्रैक अपग्रेड करने के लिए, भीड़ कम करने के लिए और नई ट्रेनें जोड़ने के लिए किया गया है.

भारत की तीसरी सबसे खराब दुर्घटना

ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार की ट्रेन दुर्घटना भारत की तीसरी सबसे खराब और 1995 के बाद से सबसे घातक दुर्घटना है, जब आगरा के पास फिरोजाबाद में दो एक्सप्रेस ट्रेनों की टक्कर हुई थी, जिसमें 300 से अधिक लोग मारे गए थे.

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