Public Holiday : 27 अक्टूबर को रहेगी सरकारी छुट्टी, स्कूल–ऑफिस सब बंद

Public Holiday : दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शुक्रवार को घोषणा की कि 27 अक्टूबर (सोमवार) को छठ पूजा के अवसर पर सरकारी छुट्टी रहेगी. यह दिन त्योहार का तीसरा दिन है, जिसे सबसे पवित्र माना जाता है.

By Amitabh Kumar | October 25, 2025 10:05 AM

Public Holiday : दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 27 अक्टूबर को छठ पर्व के अवसर पर सरकारी छुट्टी की शुक्रवार को घोषणा की. मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने इस संबंध में एक बयान जारी किया है. मुख्यमंत्री ने बताया कि चार दिवसीय इस उत्सव का तीसरा दिन सबसे महत्वपूर्ण है और इसीलिए सोमवार को अवकाश रखा गया है.

सीएमओ के बयान में बताया गया है कि छठ पूजा के दिन श्रद्धालु जलाशयों के किनारे डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं और इसकी तैयारियां सुबह से ही शुरू हो जाती हैं. परिवार मिलकर विभिन्न अनुष्ठान करते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने 27 अक्टूबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है.

मुख्यमंत्री गुप्ता ने श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी

श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री गुप्ता ने कहा कि छठ पूजा में लोग सूर्य देव और छठी मैया की पूजा करते हैं. यह त्योहार आस्था और भक्ति के साथ-साथ स्वच्छता का प्रतीक है. जल और सूर्य की पूजा के जरिए यह पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी देता है.

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दिल्ली सरकार ने छठ घाटों पर तैयारियां शुरू कर दी

दिल्ली सरकार ने पूरे शहर में 1,300 से अधिक छठ घाटों पर तैयारियां शुरू कर दी हैं. यमुना के किनारे 17 मॉडल घाटों को बेहतर सुविधाओं जैसे टेंट, रोशनी, शौचालय, पीने का पानी और सुरक्षा के साथ अपग्रेड किया जा रहा है, ताकि श्रद्धालु आराम और सुरक्षा के साथ पूजा-अर्चना कर सकें. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने डॉवका सेक्टर 23B के पोचनपुर छठ घाट का निरीक्षण किया.

आस्था का महत्वपूर्ण पर्व छठ पूजा शुरू

आज 25 अक्टूबर 2025 से लोक आस्था का महत्वपूर्ण पर्व छठ पूजा शुरू हो चुका है. यह पर्व बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में बड़े श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है. छठ पूजा की विशेषता यह है कि व्रती महिलाएं पूरे 36 घंटे निर्जला उपवास रखती हैं, यानी न जल पीती हैं और न अन्न ग्रहण करती हैं. इसके बावजूद वे पूरे समर्पण और आस्था के साथ सूर्य देव को दो बार अर्घ्य देती हैं—पहले डूबते सूर्य को और अगले दिन उगते सूर्य को. इसी के साथ पावन व्रत संपन्न होता है.