100 रुपए के सिक्के में ऐसी क्या है खूबी की हर तरफ हो रही चर्चा, आखिर आप तक कब पहुंचाएगा ये सिक्का

100 रुपये के इस सिक्के के दोनों किनारों को विशेष रूप से डिजाइन किया गया है. सिक्के के एक तरफ राजमाता विजयाराजे सिंधिया की तस्वीर बनी है. सिक्के के ऊपरी हिस्से में श्रीमती विजया राजे सिंधिया की जन्म शताब्दी हिंदी में लिखी हुआ है.

By Prabhat Khabar Print Desk | October 14, 2020 12:41 PM

मोदी सरकार ने ग्वालियर राजघराने की राजमाता विजया राजे सिंधिया के सम्मान में 100 रुपये का स्मृति सिक्का जारी किया है. राजमाता विजयाराजे सिंधिया जनसंघ की नेता थीं. वो बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में से भी एक थीं. यह पहला मौका है जब किसी राजपररिवार के सदस्य के नाम पर कोई सिक्का जारी हुआ है. अब तक किसी भी राजपरिवार के सदस्य के नाम पर स्मारक सिक्का जारी नहीं हुआ है.

कैसा दिखेगा 100 रुपये का सिक्का : 100 रुपये के इस सिक्के के दोनों किनारों को विशेष रूप से डिजाइन किया गया है. सिक्के के एक तरफ राजमाता विजयाराजे सिंधिया की तस्वीर बनी है. सिक्के के ऊपरी हिस्से में श्रीमती विजया राजे सिंधिया की जन्म शताब्दी हिंदी में लिखा हुआ है. सबसे नीचे अंग्रेजी में लिखा गया है. सिक्के के उसी तरफ उनके जन्म का वर्ष 1919 लिखा है. और जन्म शताब्दी 2019 लिखा गया है. सिक्के की दूसरी तरफ हिंदी और अंग्रेजी में भारत लिखा हुआ है. और अशोक स्तंभ का चिन्ह भी बना हुआ है. इसके नीचे 100 रुपये भी लिखा हुआ है. इस सिक्के को कोलकाता की टकसाल में तैयार किया गया है.

100 के इस सिक्के की खासियत :-

  • सिक्के में श्रीमती विजया राजे सिंधिया की जन्म शताब्दी हिंदी में लिखी हुई है.

  • अशोक स्तंभ का चिन्ह भी बना हुआ है

  • इसमें 50 फीसदी चांदी मिली है.

  • जबकि, 50 फीसदी अन्य धातुओं का मिश्रण है.

  • इसकी गोलाई 44 मिली मीटर है.

  • देखने में सिक्का काफी आकर्षक है.

100 रुपए के सिक्के की खासियत : वित्त मंत्रालय द्वारा जारी 100 रुपये के सिक्कों की खासियत इसके आकार, वजन औऱ सजावट में छिपा है. इस सिक्के का वजन 35 ग्राम है. इसमें चांदी भी मिली हुई है. इसमें 50 फीसदी चांदी मिली है. और 50 फीसदी अन्य धातुओं का मिश्रण है. इसकी गोलाई 44 मिली मीटर है. देखने में सिक्का काफी आकर्षक है. जिसपर राजमाता विजयाराजे सिंधिया की फोटो भी लगी है. ऊपरी हिस्से पर हिंदी में उनके नाम के साथ जन्म शताब्दी लिखा है. दूसरी तरफ हिंदी और अंग्रेजी में भारत लिखा हुआ है. अशोक स्तंभ का चिन्ह भी बना हुआ है. यह सिक्का प्रचलन में कभी नहीं आएगा. यह केवल संग्रहकर्ताओं के लिए है.

  • इसपर किसी भी राजपरिवार के सदस्य के नाम स्मारक सिक्का जारी नहीं हुआ है.

  • यह सिक्का प्रचलन में कभी नहीं आएगा. यह केवल संग्रहकर्ताओं के लिए है.

विजयाराजे सिंधिया कौन हैं : राजघराने से ताल्लुक रखने वाली राजमाता विजयाराजे सिंधिया जनसंघ की नेता थीं और बीजेपी की संस्थापक सदस्यों में से एक थीं. इनका जन्म 12 अक्टूबर 1919 को हुआ था. मंगलवार को 100 साल पूरे होने के मौके पर उनका जन्मशताब्दी वर्ष मनाया गया. राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और मध्यप्रदेश की कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया विजया राजे सिंधिया की ही बेटी हैं. वहीं, राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया इनके पोते हैं.

Posted by : Pritish Sahay

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