PM Modi Childhood Film: सभी स्कूलों और सिनेमाघरों में दिखाई जाएगी पीएम मोदी पर आधारित फिल्म

PM Modi Childhood Film : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर उनके बचपन की एक घटना से प्रेरित राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म को देशभर के लाखों विद्यालयों और कई सिनेमाघरों में दिखाई जाएगी.

By ArbindKumar Mishra | September 17, 2025 12:34 AM

PM Modi Childhood Film : सूचना मंत्रालय के अनुसार, 2018 में प्रदर्शित हुई फिल्म ‘चलो जीते हैं’ 17 सितंबर से दो अक्टूबर के बीच विद्यालयों में दिखाई जाएगी. यहां छात्र इसे समाज के “गुमनाम नायकों” – जैसे चौकीदार, सफाईकर्मी, ड्राइवर, चपरासी और अन्य लोगों के साथ देखेंगे, जो समाज के दैनिक जीवन को सुचारू रूप से संचालित करने में चुपचाप योगदान देते हैं.

17 सितंबर को 75 साल के हो जाएंगे पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को 75 वर्ष के हो जाएंगे और इस फिल्म की स्क्रीनिंग उनके जन्मदिन के साथ शुरू हो रही है. फिल्म को 17 सितंबर से दो अक्टूबर तक पूरे भारत में पुनः रिलीज किया जा रहा है. समीक्षकों द्वारा प्रशंसित यह फिल्म लाखों विद्यालयों और देश भर के लगभग 500 सिनेमाघरों में दिखाई जाएगी, जिनमें पीवीआर आइनॉक्स, सिनेपोलिस, राजहंस और मिराज शामिल हैं.

गुमनाम नायक होंगे पुरस्कृत

यह फिल्म ‘चलो जीते हैं: सेवा का सम्मान’ पहल के तहत प्रदर्शित की जाएगी. इस पहल के अंतर्गत, विद्यालयों और समाज के ‘गुमनाम नायकों’ चौकीदार, सफाई कर्मचारी, चालक, चपरासी और उन अन्य लोग को सम्मानित और पुरस्कृत किया जाएगा.

क्या है फिल्म में?

“चलो जीते हैं फिल्म प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन की एक बाल्यकालीन घटना से प्रेरित है. यह युवा नारू की कहानी है, जो स्वामी विवेकानंद के दर्शन से गहराई से प्रभावित होकर, उसका अर्थ समझने का प्रयास करता है और अपनी छोटी सी दुनिया में बदलाव लाने का प्रयास करता है.” फिल्म ‘चलो जीते हैं’, स्वामी विवेकानंद के दर्शन ‘बस वही जीते हैं, जो दूसरों के लिए जीते हैं’ को एक सिनेमाई श्रद्धांजलि है.

चलो जीते हैं, 2018 की सबसे ज्यादा देखी जाने वाली लघु फिल्म थी

यह फिल्म 2018 की सबसे ज्यादा देखी जाने वाली लघु फिल्मों में से एक है. फिल्म का निर्देशन मंगेश हदावले ने किया था और इसे आनंद एल. राय और जैन ने प्रस्तुत किया था. इस पहल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा विद्यालयों में फिल्म की प्रस्तुति है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि फिल्म का संदेश छात्रों तक पहुंचे और उन्हें उद्देश्यपूर्ण जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित करे.