PM Modi Birthday: पीएम मोदी की जिंदगी की 5 अनछुई कहानियां, जब पानी से खाई थी रोटी, बच्चे को देख हुए थे भावुक
PM Modi Birthday: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर को 75 साल के हो जाएंगे. उनके जन्मदिन को पूरे देश में खास अंदाज में मनाया जाएगा. सभी स्कूलों और सिनेमाघारों में उनके बचपन पर आधारित फिल्म चलो जीते हैं, दिखाएगा जाएगा. इसके अलावा कई कार्यक्रम भी होंगे. पीएम मोदी का जीवन काफी संघर्षों से भरा है. उन्होंने वर्षों तक देशभर की यात्रा की और संन्यासियों जैसे जिंदगी गुजारी. हिमालय की कंदरों में कई रातें गुजारी. पीएम मोदी के जीवन की कई ऐसी बातें हैं जिसे कम लोग ही जानते हैं.
PM Modi Birthday: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी 17 सितंबर को अपना 75वां जन्मदिन मना रहे हैं. इस मौके पर हम उनके जीवन से जुड़ी कुछ अनछुई कहानियों को साझा करने वाले हैं. जो काफी प्रेरणादायी हैं और रोचक हैं.
जब पीएम मोदी ने पानी से खाई थी रोटी, बच्चे को देख हुए थे भावुक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन से जुड़ी खास कहानियों को https://www.modistory.in/ नामक के पोर्टल पर संग्रहित किया गया है. जिसमें पीएम मोदी के साथ काफी लंबे समय तक रहने वाले डॉक्टर अनिल रावल ने एक ऐसी सत्य घटना साझा की है जिसे सुनकर भावुक हुए बिना नहीं रहा जा सकता. उन्होंने 1983-84 की बातों को साझा किया और बताया, जब उन्होंने पीएम मोदी से समाज के अंतिम मानव के उत्थान की बात पूछी तो उन्होंने एक कहानी बताई थी. “जब वो पूर्णकालिक प्रचारक थे, तो एक बार एक गांव में स्वयंसेवक के घर पर भोजन के लिए गए थे. एक झोपड़ी में पति-पत्नी और एक बच्चा रहते थे. जब वो उनके घर पहुंचे तो भोजन के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने हां कर दिया.” पीएम मोदी ने आगे बताया- ऊबड़-खाबड़ थाली में रोटी का एक टुकड़ा और थोड़ा दूध लाकर रखा गया. मैंने देखा, एक छोटा बच्चा घर की महिला के गोद में बैठा मेरी ओर देख रहा है. बच्चे की नजर मेरी दूध पर थी. मुझे समझते देर नहीं लगी कि दूध जरूर बच्चे का होगा. मैंने दूध लेने से इनकार कर दिया और पानी से रोटी खा ली. मां ने बच्चे को दूध पीला दी. बच्चा इतना भूखा था वह एक सांस में पूरी दूध पी गया. यह नजारा देख मैं भावुक हो गया था.
जब 11 रुपये में कारगिल की विधवा को लड़ाया था चुनाव
पीएम मोदी की एक और कहानी काफी रोचक है. जब उन्होंने कारगिल की विधवा को केवल 11 रुपये में चुनाव लड़ाया था और जिताया भी. 1999 में लोकसभा चुनाव में बीजेपी को गुरुग्राम से एक अच्छे उम्मीदवार की तलाश थी. पीएम मोदी ने कारगिल युद्ध में शहीद हुए सुखबीर सिंह यादव की पत्नी सुधा यादव को चुनाव लड़ाने का प्रस्ताव दिया. खुद सुधा यादव बताती हैं, जब पैसों की बात आई तो नरेंद्र मोदी ने एक चादर बिछाकर उसपर एक कलश रख दिया. जिसमें सबसे पहले 11 रुपये डाले. वो 11 रुपये उनकी माता जी ने दिया था और कहा था कभी काम आएंगे. पीएम मोदी ने उस पैसे का उपयोग सुधा यादव को चुनाव लड़ने में मदद की और जिताया भी.
शहनाई वादकों को करते थे परेशान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार मन की बात कार्यक्रम में अपने बचपन की बातें साझा की थी. जिसमें बताया था वो शहनाई वादकों को इमली दिखाकर परेशान किया करते थे. इमली दिखाने से शहनाई वादकों के मुंह में पानी आ जाती थी और वो बजा नहीं पाते थे.
मगरमच्छ के बच्चे को पकड़कर ले आए थे घर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार बताया, वो अपने दोस्तों के साथ शर्मिष्ठा सरोवर गये थे. वहां से वो एक मगरमच्छ के बच्चे को पकड़कर घर ले आए थे. उसपर उनकी माता जी हीरा बा ने समझाया था कि किसी बच्चे को उसकी मां से अलग करना बहुत बुरी बात है.
चपरासी तक की प्रतिभा पहचानते हैं मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम करने का स्टाइल औरों से काफी अलग है. यही कारण है कि और से उन्हें अलग करता है. गुजरात कैडर के 1981 बैच के आईएएस अधिकारी हंसमुख आंधिया ने बताया, एक बार वो नरेंद्र मोदी के साथ बैठे थे. तभी मोदी जी ने एक चपरासी की ओर इशारा करते हुए पूछा, हंसमुख भाई इसे पहचानते हैं. उनकी हैंडराइटिंग काफी अच्छा है. जब आपको निमंत्रण कार्ड पर नाम लिखवाना हो तो उनकी हैंडराटिंग का इस्तेमाल कर सकते हैं. बाद में आंधिया ने कहा- वो यह देखकर हैरान थे कि एक मुख्यमंत्री हर स्टाफ के बारे में इतनी जानकारी रखता है.
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