Panchayati Raj: ग्रामीण विकास योजना के जरिये पंचायतों को बनाया जा रहा है सशक्त
पंचायती राज शासन में सुधार के लिए पंचायती राज मंत्रालय सभी राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों के पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों, कार्यकर्ताओं तथा अन्य हितधारकों के क्षमता निर्माण एवं प्रशिक्षण के लिए राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) का क्रियान्वयन कर रहा है. राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान योजना के तहत मंत्रालय द्वारा पंचायती इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों के प्रयासों को सीमित स्तर पर सहायता प्रदान करना है.
Panchayati Raj: पंचायतों के सशक्तिकरण के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से कई तरह की पहल हो रही है. पंचायत ‘स्थानीय सरकार’ होने के कारण राज्य का विषय है और भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची की राज्य सूची का हिस्सा है. पंचायतें संबंधित राज्य के पंचायती राज अधिनियमों के जरिये स्थापित और संचालित होती हैं. संविधान के अनुसार पंचायत के लिए हर राज्य में अलग-अलग प्रावधान हो सकते हैं. पंचायतों से संबंधित सभी विषय, जिनमें पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) का प्रभावी कार्य निष्पादन, जनता के प्रति जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए संस्थागत तंत्र को सुदृढ़ करना, उनके प्रदर्शन की निगरानी एवं मूल्यांकन शामिल हैं.
पंचायती राज शासन में सुधार के लिए पंचायती राज मंत्रालय सभी राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों के पंचायती राज संस्थानों के निर्वाचित प्रतिनिधियों, कार्यकर्ताओं तथा अन्य हितधारकों के क्षमता निर्माण एवं प्रशिक्षण के लिए राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) का क्रियान्वयन कर रहा है. राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान योजना के तहत मंत्रालय पंचायती इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों के प्रयासों को सीमित स्तर पर सहायता प्रदान करना है. इसमें विशेष रूप से उत्तर-पूर्वी राज्यों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है. इस योजना के तहत मंत्रालय पंचायत भवन तथा कंप्यूटर एवं अन्य उपकरणों सहित पंचायतों की प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में सहायता प्रदान करना है.
पंचायतों की आय बढ़ाने के लिए इनोवेशन को दिया जा रहा है बढ़ावा
पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने राज्यसभा में बताया कि राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान योजना के तहत पंचायतों की आय बढ़ाने के लिए इनोवेशन के जरिये आर्थिक विकास एवं आय वृद्धि को प्रोत्साहित करने वाले परियोजनाओं को केंद्र की ओर से सभी राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों में बढ़ावा दिया जा रहा है. सरकार पंचायती राज संस्थाओं को पंद्रहवें वित्त आयोग की अनुशंसाओं के अनुसार अनुदान जारी कर सहयोग प्रदान करती है. पंचायती राज संस्थाओं को तीनों स्तरीय पंचायतों, पारंपरिक स्थानीय निकायों एवं छठी अनुसूची क्षेत्रों के लिए वित्त वर्ष 2020-21 के अंतरिम अवधि के लिए 60,750 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2021-26 की अवधि के लिए 2,36,805 करोड़ रुपये की राशि अनुदान के रूप में आवंटित की गयी.
देश भर में पंचायती राज संस्थाओं के कामकाज को मजबूत करने के लिए केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय ने ई-ग्राम स्वराज लांच किया है. इसका मकसद विकेंद्रीकृत योजना, प्रगति रिपोर्ट, वित्तीय प्रबंधन, काम-आधारित लेखांकन और निर्मित संपत्ति के विवरण में बेहतर पारदर्शिता लाना है. ई-ग्राम स्वराज पोर्टल को भी सार्वजनिक वित्त प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) के साथ एकीकृत किया गया है, ताकि राज्यों द्वारा केंद्र वित्त आयोग की निधियों का पीआरआई को ऑनलाइन हस्तांतरण किया जा सके.
