Coronavirus Outbreak : कोरोना संकट के बावजूद हरकतों से बाज नहीं आ रहा पाकिस्‍तान, SAARC में चली ऐसी चाल

पाकिस्तान दक्षेस (SAARC) क्षेत्र में कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) से सामूहिक रूप से निपटने की भारत की पहल को इस संगठन के दायरे में लाने की कोशिश कर संकीर्ण राजनीतिक लक्ष्य हासिल करना चाहता है.

By ArbindKumar Mishra | April 9, 2020 9:33 PM

नयी दिल्ली : पाकिस्तान दक्षेस (SAARC) क्षेत्र में कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) से सामूहिक रूप से निपटने की भारत की पहल को इस संगठन के दायरे में लाने की कोशिश कर संकीर्ण राजनीतिक लक्ष्य हासिल करना चाहता है.

उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान ने बुधवार को दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) देशों के व्यापार अधिकारियों की वीडियो कांफ्रेंस का बहिष्कार करते हुए कहा था कि इस तरह की बैठकें तभी प्रभावी हो सकती हैं, जब इनका नेतृत्व भारत के बजाए संगठन (SAARC) का सचिवालय करेगा.

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भारत का यह कहना रहा है कि असाधारण परिस्थितियों में की गई यह पहल कार्यप्रणाली की औपचारिकताओं को पूरा किये बगैर महामारी से संयुक्त रूप से निपटने पर ध्यान केंद्रित करती है. एक सूत्र ने बृहस्पतिवार को कहा, जब क्षेत्र कोरोना वायरस संकट का सामना कर रहा है, ऐसे में (पाकिस्तान की) यह कोशिश संकीर्ण राजनीतिक लक्ष्य हासिल करने के लिये है.

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बुधवार की वीडियो कांफ्रेंस कोरोना वायरस महामारी और इसके क्षेत्र पर आर्थिक एवं सामाजिक प्रभाव से संयुक्त रूप से निपटने के प्रति भारत की पहल के तहत हुई. भारत महामारी से निपटने की इन गतिवधियों को अकेले ही और दक्षेस के मंजूरी प्राप्त कार्यक्रम के बाहर करना चाहता है.

सूत्रों ने कहा कि यदि कोविड-19 से जुड़ी बातचीत को दक्षेस के औपचारिक ढांचे के तहत लाया जाता है तो पाकिस्तान को भारत की कोशिशों में अड़ंगा डालने की खुली छूट मिल जाएगी. साथ ही, पाकिस्तान के पास एजेंडा का मसौदा तैयार करने, निष्कर्ष से तैयार होने वाले दस्तावेज तथा हर कदम पर संबद्ध मुद्दों पर सर्वसम्मति बनाने के लिये दबाव डाल कर उन्हें अटकाने का विकल्प उपलब्ध हो जाएगा.

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यह बैठक क्षेत्र में महामारी के प्रभाव पर चर्चा करने और इस बात पर विचार विमर्श के लिए थी कि किस प्रकार यह संगठन इस संकट से निपटने के लिए एक साझा रणनीति तैयार कर सकता है. दक्षेस देशों के व्यापार अधिकारी कोरोना वायरस महामारी के भारी आर्थिक नुकसान से निपटने के लिये अंत:-क्षेत्रीय व्यापार को सतत एवं विस्तारित करने के नये तरीकों की पहचान करने पर व्यापक रूप से सहमत हुए.

अधिकारियों ने व्यापार संवर्द्धन का व्यापक ढांचा बनाने पर भी चर्चा की. उन्होंने अंत:-दक्षेस व्यापार की मात्रा बढ़ाने की जरूरत का भी जिक्र किया. यह चर्चा भारत द्वारा 15 मार्च को दक्षेस नेताओं की एक वीडियो कांफ्रेंस की पहल करने के बाद का ‘फॉलो अप’ है. दक्षेस के सदस्य देशों में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल हैं.

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