Operation Sindoor : ‘अब बहुत हो चुका’, पहलगाम हमले के बाद भारतीय सेना से क्या बोली मोदी सरकार, देखें वीडियो

Operation Sindoor : ऑपरेशन के बारे में बात करते हुए थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा, “23 अप्रैल को हम सब बैठे. यह पहली बार था जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अब बहुत हो चुका. तीनों सेनाओं के प्रमुख साफ थे कि कुछ न कुछ करना जरूरी है. हमें पूरी छूट दी गई.’’

By Amitabh Kumar | August 10, 2025 7:20 AM

Operation Sindoor : थलसेना प्रमुख (सीओएएस) जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बताया कि 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद भारत ने किस तरह जवाबी कार्रवाई की योजना बनाई. उन्होंने खुलासा किया कि हमले के अगले ही दिन सेना को “पूरी छूट” दे दी गई थी. सेना प्रमुख ने बताया कि 23 अप्रैल को एक बैठक बुलाई गई, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “अब बहुत हो चुका.” सेना प्रमुख ने कहा, “तीनों सेनाओं के प्रमुख इस बात पर बिल्कुल स्पष्ट थे कि कुछ न कुछ करना जरूरी है. हमें पूरी छूट दी गई. उन्होंने कहा, ‘’हमसे कहा गया, आप तय करें क्या करना है. ऐसा भरोसा, राजनीतिक दिशा और स्पष्टता हमने पहली बार देखी.’’

शीर्ष सेना अधिकारी ऑपरेशन ‘सिंदूर’ की शुरुआत के बारे में बता रहे थे. पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में आतंकी ढांचे को खत्म करने के लिए पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए भारत की ओर से सैन्य कार्रवाई की गई थी. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा तीनों सेनाओं को दी गई छूट से मनोबल बढ़ा. इससे हमारे सेना प्रमुखों को जमीन पर रहकर अपनी समझ के अनुसार कार्रवाई करने में मदद मिली.

जरूर हम जीते होंगे: पाकिस्तानी लोगों से पूछने पर मिलेगा ये जवाब

आईआईटी मद्रास में संबोधन के दौरान थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा, “अगर आप किसी पाकिस्तानी से पूछें कि तुम जीते या हारे, तो वह कहेगा, ‘’हमारे वाले तो चीफ फील्ड मार्शल बन गए हैं. जरूर हम जीते होंगे, तभी तो वह फील्ड मार्शल बने हैं.” द्विवेदी की यह टिप्पणी पाकिस्तानी लोगों की मानसिकता को समझने के लिए काफी है.

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29 अप्रैल को हमने पहली बार प्रधानमंत्री से मुलाकात की : उपेंद्र द्विवेदी

उपेंद्र द्विवेदी ने कहा, “22 अप्रैल को पहलगाम में जो हुआ, उसने पूरे देश को झकझोर दिया. 23 तारीख को, यानी अगले ही दिन, हम सब मिले. उसी दिन यह साफ हो गया कि कार्रवाई होगी. 25 अप्रैल को हम उत्तरी कमान गए, जहां हमने सोचा, योजना बनाई, रणनीति तैयार की और नौ में से सात ठिकानों को तबाह किया. इसमें कई आतंकियों का खात्मा हुआ. 29 अप्रैल को हमने पहली बार प्रधानमंत्री से मुलाकात की. यह मायने रखता है कि कैसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसा छोटा नाम पूरे देश को जोड़ देता है. यही वह चीज थी जिसने पूरे देश को एकजुट कर दिया.