Operation Sindoor: एयर फोर्स के 50 से भी कम मिसाइलों से पाकिस्तान हो गया था ढेर, एयर मार्शल का सबसे बड़ा खुलासा
Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर को लेकर एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी ने शनिवार को बड़ा खुलासा कर दिया है. उन्होंने बताया कि भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर 50 से भी कम मिसाइल दागे गए. इसी में 10 मई की दोपहर तक इस्लामाबाद को संघर्ष रोकने का अनुरोध करना पड़ा.
Operation Sindoor: एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि 9 और 10 मई की मध्य रात्रि पाकिस्तान के हमले के बाद किए गए हमलों के साथ भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी सेना पर जीत हासिल कर ली थी. उन्होंने आगे कहा- ‘‘मैं आपको बताना चाहूंगा कि यह हमारे लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी कि 50 से भी कम अस्त्रों में हम पूर्ण प्रभुत्व हासिल करने में सक्षम रहे. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ.’’
ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने अपनी तैयारियों का किया टेस्ट : एयर मार्शल
‘ऑपरेशन सिंदूर’ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले वरिष्ठ वायुसेना अधिकारी ने कहा कि मिशन के दौरान जिन पाकिस्तानी ठिकानों को नष्ट किया गया, उनमें से कुछ ऐसे थे जो 1971 के युद्ध के दौरान भी नष्ट नहीं हुए थे. उन्होंने कहा, ‘‘हमने हर अस्त्र का इस्तेमाल किया और इससे हमारे योजनाकारों, मिशन को अंजाम देने वाले लोगों की क्षमता का पता चलता है.’’
भारत और पाकिस्तान के बीच 4 दिन तक हुई थी भीषण झड़प
भारत ने पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था, जिसके तहत पाकिस्तान के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में आतंकवादी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया गया था. दोनों देशों के बीच 4 दिन तक भीषण झड़पें हुईं, जो 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति के साथ समाप्त हुईं.
ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान की क्षमता को किया गया नष्ट : एयर मार्शल
एयर मार्शल तिवारी ने कहा कि भारत 7 मई को तड़के पाकिस्तानी आतंकी ढांचे पर हमला करने के बाद स्थिति को और बिगाड़ने का इच्छुक नहीं था. उन्होंने कहा, ‘‘हमें जवाब की उम्मीद थी और हमने उसे संतुलित रखा, और हमने सिर्फ सैन्य ठिकानों पर ही हमला किया. लेकिन जब 9-10 मई की रात को मुख्य हमला हुआ, तो हमने तय किया कि हमें सही संदेश देना होगा. हमने उन्हें चौतरफा निशाना बनाया.’’ वायुसेना अधिकारी ने कहा, ‘‘ऐसे लक्ष्य थे जिन्हें नष्ट किया गया, जिन्हें 1971 के युद्ध के दौरान भी नष्ट नहीं किया जा सका था. हमने उन्हें इस प्रकार की क्षमता और क्षति पहुंचाई है.’’ उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना ने अपने हमलों को केवल सैन्य लक्ष्यों तक ही सीमित रखा. उन्होंने कहा कि इस हमले के पीछे का उद्देश्य पाकिस्तान की क्षमता को खत्म करना और सही संदेश भेजना था.
लंबी दूरी से हमला करना आसान नहीं था, लेकिन भारतीय सेना ने कर दिखाया : एयर मार्शल
एयर मार्शल ने स्वीकार किया कि दुश्मन के लक्ष्यों पर प्रहार करने के लिए लंबी दूरी तक निशाना लगाना जोखिम भरा होता है, लेकिन भारतीय वायुसेना ने मिशन को पूर्णता के साथ अंजाम दिया. उन्होंने कहा, ‘‘इस रेंज से सटीक निशाना लगाना बहुत आवश्यक होता है, क्योंकि यह बहुत जोखिम भरा होता है, क्योंकि दूरी जितनी लंबी होगी, आपको लगता है कि नुकसान की संभावना उतनी ही अधिक है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘आपके पास लंबी दूरी का अस्त्र हो सकता है, लेकिन उस अस्त्र से सटीक लक्ष्य भेदन करने के लिए जो काम किया जाता है, वह वास्तव में पूरी टीम का प्रयास होता है, न कि केवल उन पायलटों का जिन्होंने इन्हें दागा. जमीन पर बहुत से लोग होते हैं जो इसे संभव बनाते हैं.’’
