ऑपरेशन सिंदूर 2.0 के लिए भारत तैयार, आर्मी चीफ की चेतावनी- भूगोल में रहना है तो आतंकवाद छोड़‍े पाकिस्तान

Operation Sindoor 2.0: सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पाकिस्तान को खुली चुनौती दे डाली है. उन्होंने राजस्थान के अनूपगढ़ में ऑपरेशन सिंदूर 2.0 के बारे में बताया कि भारत इसके लिए तैयार है. उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि अगर उसे भूगोल में रहना है, तो हर हाल में आतंकवाद को छोड़ना होगा.

By ArbindKumar Mishra | October 3, 2025 4:19 PM

Operation Sindoor 2.0: सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि भारत ऑपरेशन सिंदूर 2.0 के लिए तैयार है. सेना ने पूरी तैयार कर ली है. उन्होंने पाकिस्तान को शख्स चेतावनी देते हुए कहा- पाकिस्तान को अगर भूगोल में रहना है, तो हर हाल में उसे आतंकवाद छोड़ना होगा.

अगर हमें मौका मिलता है, तो हम पूरी तरह तैयार : सेना प्रमुख

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने ऑपरेशन सिंदूर 2.0 के बारे में कहा- “यहां मेरे दौरे का मकसद यह देखना था कि अगर ऑपरेशन सिंदूर 2.0 होता है तो हमारी तैयारी क्या है. मुझे विश्वास है कि अगर हमें मौका मिलता है, तो हम पूरी तरह तैयार हैं. जब भी हमें मौका मिलेगा, आप निश्चित रूप से सकारात्मक परिणाम की ओर बढ़ेंगे और नतीजे हमारे पक्ष में होंगे.”

इस बार कार्रवाई ऐसी होगी कि शायद पाकिस्तान को सोचना पड़ेगा : सेना प्रमुख

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा- “भारत इस बार पूरी तरह तैयार है. हम ऑपरेशन सिंदूर 1.0 के दौरान दिखाए गए संयम को नहीं दिखाएंगे. इस बार कार्रवाई ऐसी होगी कि शायद पाकिस्तान को सोचना पड़ेगा कि क्या वह भौगोलिक रूप से अस्तित्व में रहना चाहता है. अगर पाकिस्तान भौगोलिक रूप से अपनी स्थिति बनाए रखना चाहता है, तो उसे अपने राज्य प्रायोजित आतंकवाद को रोकना होगा.”

जब तक हम जीवित रहेंगे, ऑपरेशन सिंदूर 1.0 हमारे साथ रहेगा : सेना प्रमुख

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सेना के जवानों से कहा, “ऑपरेशन सिंदूर 1.0 के लिए, रक्षा मंत्री ने मुझसे विशेष रूप से कहा कि जब भी मैं आपसे मिलूं, तो मुझे आपको बताना चाहिए कि इसकी सफलता का पूरा श्रेय आप सभी को जाता है…ऑपरेशन सिंदूर 1.0 हमारे जीवन से इस तरह जुड़ा हुआ है कि जब तक हम जीवित रहेंगे, यह हमारे साथ रहेगा. जब भी कोई महिला अपने माथे पर सिंदूर लगाती है, तो वह उन वर्दीधारी व्यक्तियों को याद करती है जो हमेशा देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं.”