72 साल के बुजुर्ग को लगा पहला वैक्सीन कोवैक्सीन और दूसरा कोविशील्ड का, जानिए क्या हुई उनको दिक्कत

महाराष्ट्र में टीकाकरण देने में अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है. सबसे ज्यादा संक्रमण से जूझ रहे इस प्रदेश में एक 72 साल के बुजुर्ग को दो अलग-अलग वैक्सीन की डोज दे दी गई. बुजुर्ग को पहली डोज कोवैक्सीन की दी गई, जबकि दूसरी डोज कोविशील्ड की लगा दी गई.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 14, 2021 11:04 AM

महाराष्ट्र में टीकाकरण देने में अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है. सबसे ज्यादा संक्रमण से जूझ रहे इस प्रदेश में एक 72 साल के बुजुर्ग को दो अलग-अलग वैक्सीन की डोज दे दी गई. बुजुर्ग को पहली डोज कोवैक्सीन की दी गई, जबकि दूसरी डोज कोविशील्ड की लगा दी गई. वहीं, बुजुर्ग के परिजनों का कहना है कि दूसरी डोज के बाद उन्हें हल्की परेशानी हो रही है. मामला महाराष्ट्र के जालना जिले स्थित एक गांव का है.

टीका देने में हुई बड़ी लापरवाहीः जालना के एक गांव में रहने वाले इस शख्स का नाम दत्तात्रेय वाघमारे है. उन्होंने 22 मार्च को कोवैक्सीन (Covaxin) की पहली डोज ली थी. इसके बाद, 30 अप्रैल को इन्हें टीके की दूसरी डोज दी गई. लेकिन इस बार लापरवाही के कारण उन्हें कोविशील्ड (Covishield) की वैक्सीन लगा दी गई. टीके का दूसरा डोज लेने के बाद दत्तात्रेय वाघमारे को कुछ परेशानी हो रही है.

क्या हो रही है परेशानीः वाघमारे के परिजनों का कहना है कि, दूसरी डोज लेने के बाद उन्हें हल्का बुखार आ गया है. इसके साथ ही शरीर के कई हिस्सों में चकत्ते आने लगे है. इन्हें घबराहट जैसा लग रहा है. वहीं, उनकी बेचैनी इतनी बढ़ गई कि इन्हें स्वास्थ्य केन्द्र भी ले जाया गया. वहीं, दो अलग अलग वैक्सीन लेने के बाद परिजनों को भी तबीयत बिगड़ने का डर सता रहा है.

इससे पहले भी हुई है लापरवाहीः कोरोना का टीका देनें में लापरवाही का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी यूपी में कोरोना का टीका देने में भारी लापरवाही हो चुकी है. यूपी के शामली स्थित कांधला सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में आयी तीन महिलाओं को लापरवाह स्वास्थ्यकर्मियों ने कोरोना के बदले रैबीज का इंजेक्शन दे दिया था.

दो अलग अलग टीको के क्या होंगे दुष्परिणामः अगर किसी को कोरोना के दो अलग अलग टीके लगा दिए जाएं तो इसके क्या परिणाम होंने इसकी अभी तक कोई पुख्ता जानकारी नहीं है. हालांकि, समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग ने लांसेट में एक अध्ययन के हवाले कहा था कि दो अलग अगल टीकों की खुराक देने से थकान और सिरदर्द जैसे परिणाम देखने को मिले थे.

परिजनों ने की शिकायतः वहीं, पीड़ित के परिजनों ने इसे घोर लापरवाही बताया है और गांव के स्वास्थ्य अधिकारियों से इसकी शिकायत की है. जिसके बाद अधिकारियों ने मामले पर जांच का करने की बात कही है. परिजनों का कहना है कि खुद पीड़ित और परिजन ज्यादा पढ़े लिखे नहीं हैं, ऐसे में यह वैक्सीन देने वालों पर पर निर्भर करता है वो सही वैक्सीन का चुनाव करें.

Posted by: Pritish Sahay

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