‘न्यूयॉर्क की यात्रा उपयोगी रही’, विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान, जानिए चीन पर कटाक्ष करते हुए क्या कहा?

जयशंकर ने आयरलैंड, आर्मेनिया, जापान, पोलैंड, अमेरिका, ब्रिटेन और यूएई के साथ द्विपक्षीय बैठकों की मेजबानी की. इस बात पर प्रकाश डाला कि "आतंकवाद का समकालीन उपरिकेंद्र" सक्रिय रहता है और चिंता जताई कि आतंकवादियों को ब्लैकलिस्ट करने के प्रस्तावों को पर्याप्त कारण के बिना कैसे रोक दिया जाता है.

By Aditya kumar | December 17, 2022 4:57 PM

S. Jaishankar In New York: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि उनकी न्यूयॉर्क की यात्रा उपयोगी रही और विस्तृत रूप से बताया कि अमेरिकी शहर की अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने सुधारित बहुपक्षवाद और आतंकवाद विरोधी पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मंत्रिस्तरीय बैठकें कीं. विदेश मंत्री ने ट्वीट किया, “एक फलदायी न्यूयॉर्क यात्रा. सुधारित बहुपक्षवाद और काउंटर टेररिज्म पर यूएनएससी मंत्रिस्तरीय बैठकों की अध्यक्षता की. संयुक्त राष्ट्र परिसर में बापू की प्रतिमा के अनावरण में शामिल हुए. संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के लिए दोस्तों के समूह का शुभारंभ किया.

जयशंकर ने कई देशों के साथ द्विपक्षीय बैठकों की मेजबानी की

जयशंकर ने कहा कि उन्होंने आयरलैंड, आर्मेनिया, जापान, पोलैंड, अमेरिका, ब्रिटेन और यूएई के साथ द्विपक्षीय बैठकों की मेजबानी की. जयशंकर ने गुरुवार को इस बात पर प्रकाश डाला कि “आतंकवाद का समकालीन उपरिकेंद्र” सक्रिय रहता है और इस बात पर चिंता जताई कि आतंकवादियों को ब्लैकलिस्ट करने के साक्ष्य-समर्थित प्रस्तावों को पर्याप्त कारण के बिना कैसे रोक दिया जाता है.

‘यूएनएससी ब्रीफिंग: ग्लोबल काउंटर टेररिज्म अप्रोच: चैलेंज एंड वे फॉरवर्ड’ पर चर्चा

‘यूएनएससी ब्रीफिंग: ग्लोबल काउंटर टेररिज्म अप्रोच: चैलेंज एंड वे फॉरवर्ड’ में बोलते हुए जयशंकर ने भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद के लिए पाकिस्तान और संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों की ब्लैक-लिस्टिंग को रोकने के लिए चीन पर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि पुरानी आदतें और स्थापित नेटवर्क अभी भी जीवित हैं, विशेष रूप से दक्षिण एशिया में और आतंकवाद का समकालीन उपरिकेंद्र बहुत अधिक जीवित और सक्रिय है, “अप्रिय वास्तविकताओं को कम करने के लिए जो भी चमक लागू की जा सकती है.”

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जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के खिलाफ अपराधों के लिए उत्तरदायित्व पर मित्र समूह के शुभारंभ के अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना आज पहले से कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण हो गई है. उन्होंने कहा, “आज के शांतिदूत को शांति बनाए रखने के लिए नहीं बल्कि अत्यधिक शत्रुतापूर्ण संघर्ष क्षेत्रों में मजबूत जनादेश लेने के लिए बाध्य किया गया है. सशस्त्र समूहों, आतंकवादियों और अंतर्राष्ट्रीय संगठित अपराध की संलिप्तता ने उनके कार्यों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है.”

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