National Youth Day: बिहार-यूपी देश के सबसे युवा राज्य, 9 बड़े प्रदेशों में युवाओं की इतनी है आबादी

National Youth Day: स्वामी विवेकानंद की जयंती को हम राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाते हैं. आइए, इस युवा दिवस पड़ताल करें कि हम कितने युवा हैं. किस दिशा में बढ़ रहे हैं. स्वामीजी के कथन आज कितना प्रासंगिक है.

By Mithilesh Jha | January 12, 2022 1:56 AM

National Youth Day: वर्ष 1893 में जब भारत अंग्रेजों का गुलाम था. उस वक्त शिकागो के धर्मसम्मेलन में एक युवा तपस्वी ने दुनिया को जो ज्ञान दिया, उसकी मिसाल आज तक दी जाती है. भारत को शून्य (0) बताने वाले पश्चिमी देशों को उन्हीं की सरजमीं पर तर्क की कसौटी पर ऐसा कसा कि भगवा वस्त्र धारण किये युवा तपस्वी बोलता रहा. पूरी दुनिया उसे तन्मयता के साथ सुनती रही. उसने जब अपना भाषण शुरू किया, तो हॉल तालियों से गूंज उठा. वह बोलते गये और दुनिया उन्हें सुनती रही.

इस शख्सीयत का नाम था- स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekanand). 12 जनवरी (12 January) को स्वामी विवेकानंद की जयंती (Swami Vivekanand Jayanti) को हम भारतीय राष्ट्रीय युवा दिवस (National Youth Day) के रूप में मनाते हैं. किसी भी देश की तकदीर लिखने में युवाओं का बहुत बड़ा योगदान होता है. शिकागो के धर्मसम्मेलन में जब स्वामी विवेकानंद ने भारत के ज्ञान का दर्शन विश्व को कराया, तब वह भी युवा ही थे. उन्होंने युवाओं का आह्वान किया था कि ‘उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य को प्राप्त न कर लो’.

जिस किसी ने स्वामीजी (Swamiji) के इस वाक्य को अपने जीवन का ध्येय वाक्य बनाया और उस पर अमल किया, उसने सफलता जरूर हासिल की. आज भारत को युवाओं का देश कहा जाता है. स्वामी विवेकानंद के इन्हीं शब्दों ने युवाओं को वो सामर्थ्य दिया कि उन्होंने बदलती दुनिया से न केवल कदमताल किया, बल्कि कई मामलों में साधनसंपन्न देशों के युवाओं से बेहतर किया. खुद को औरों से आगे रखा और भारत को फिर से विश्वगुरु के रूप में प्रतिष्ठापित करने की कोशिशों में जुटे हैं. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आंकड़ों में हमारी आबादी कितनी युवा है. उस युवा आबादी का देश किस तरह से इस्तेमाल कर रहा है. हम अब तक वो हासिल नहीं क्यों कर पाये, जो हमें बहुत पहले कर लेना चाहिए था.

भारत के ग्रॉस नेशनल इनकम में 34 फीसदी योगदान देते हैं युवा

वर्ष 2011 की जनगणना के आंकड़ों पर गौर करें, तो 27.5 फीसदी आबादी वैसे लोगों की है, जिनकी उम्र 15 से 29 साल के बीच है. 12वीं पंचवर्षीय योजना (2013) के आंकड़े बताते हैं कि हमारे देश की 56.3 करोड़ आबादी की उम्र 10 से 35 साल के बीच है. ग्रॉस नेशनल इनकम (GNI) में इस युवा आबादी की भागीदारी 34 फीसदी है. विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत के युवाओं में इससे ज्यादा क्षमता है. अगर सभी युवाओं को रोजगार से जोड़ दिया जाये, तो उनकी उत्पादकता कई गुणा बढ़ जायेगी.

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भारत सरकार अपने युवाओं पर 90 हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च करती है. लेकिन युवाओं की आबादी पर गौर करेंगे, तो पायेंगे कि एक युवा पर सरकार प्रति वर्ष महज 2,710 रुपये खर्च करती है. ये पैसे उनकी उच्च शिक्षा, कौशल विकास और स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च होते हैं. खाद्य सब्सिडी और रोजगार के लिए चलाये जाने वाले कार्यक्रमों का खर्च भी इसमें शामिल है.

भारत में युवा (Youth) की परिभाषा

आमतौर पर युवा उन लोगों को कहते हैं, जो पढ़ाई-लिखाई करते हैं. इनका कोई फिक्स एज-ग्रुप नहीं है. अगर आप पढ़ाई-लिखाई कर रहे हैं, तो जब तक आपको रोजगार नहीं मिल जाता, आप युवा ही कहलाते हैं. अलग-अलग देशों में युवावस्था को अलग-अलग तरह से परिभाषित (Definition of Youth) किया गया है. संयुक्त राष्ट्र ने 15 से 24 साल के आयु के लोगों को युवा माना है.

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वर्ष 2003 में भारत सरकार ने जो राष्ट्रीय युवा नीति बनायी थी, उसमें 13 से 35 साल की उम्र के लोगों को युवा के रूप में परिभाषित किया गया था. लेकिन वर्तमान में हमारे देश में 15 से 29 साल की आयुवर्ग के लोगों को युवा माना जाता है. एक अनुमान के आधार पर कहा गया था कि वर्ष 2020 में भारत की युवा आबादी कुल आबादी का 34.33 फीसदी होगी, लेकिन वर्ष 2010 में ही यह आंकड़ा 35.11 फीसदी को पार कर गया. वर्ष 2011 में जनगणना हुई, तो उनकी साक्षरता दर 74.04 फीसदी थी.

सीआईए वर्ल्ड फैक्ट बुक बताता है कि भारत की कुल आबादी में 15 से 24 साल की उम्र के 17.51 फीसदी लोग हैं. इस आयु वर्ग के लोगों की कुल संख्या 23,21,63,311 है. इनमें पुरुषों की संख्या 12,34,23,531 और महिलाओं की 10,87,39,780 है. हालांकि, भारत की जनगणना की जो रिपोर्ट उपलब्ध है, उसमें इस आयु वर्ग (15 से 24 वर्ष) की आबादी का कोई विशिष्ट आंकड़ा नहीं है.

जनगणना से जुड़े दस्तावेजों में 14 से 15 साल, 16 से 17 साल, 18 से 22 साल के आंकड़े दिये गये हैं. एक आंकड़ा ऐसा है, जो कन्फ्यूज करता है. 18 से 22 साल की आयु वर्ग के बाद इसमें 19 से 23 साल की उम्र के लोगों की आबादी दी गयी है. इसके आधार पर अगर हम गणना करें, तो उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल और मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा युवा आबादी है.

9 बड़े राज्यों में 14 से 23 वर्ष के युवाओं की संख्या

देश के 9 बड़े राज्यों में संख्या के लिहाज से युवाओं की आबादी की बात करें, तो उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 6,37,28,007, महाराष्ट्र में 3,32,19,722, बिहार में 2,77,07,312, पश्चिम बंगाल में 2,75,19,141, मध्यप्रदेश में 2,19,90,261, राजस्थान में 2,14,35,561, तमिलनाडु में 1,91,81,538, गुजरात में 1,78,23,365 और आंध्रप्रदेश में 1,44,19,448 है. हालांकि, औसत आयु की बात करें, तो आंकड़े इससे भिन्न मिलेंगे.

यूपी-बिहार सबसे युवा और केरल-तमिलनाडु उम्रदराज राज्य

औसत आयु के लिहाज से उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) और बिहार (Bihar) सबसे ज्यादा युवा (Young State) आबादी वाले राज्य हैं. यानी सबसे युवा राज्य हैं. दक्षिण भारत के राज्य केरल (Kerala) और तमिलनाडु (Tamilnadu) सबसे उम्रदराज प्रदेश हैं. बेंगलुरु के थिंक टैंक तक्षशिला इंस्टीट्यूशन (Takshila Institution) ने 2011 की जनगणना के आंकड़ों के विश्लेषण पर एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें ये तथ्य सामने आये हैं.

संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2001 की जनगणना में भारत के लोगों की औसत आयु 22.51 वर्ष थी, जो वर्ष 2011 में बढ़कर 24 वर्ष हो गयी. वर्ष 2050 में भारत की औसत (Median Age of India) आयु 37 वर्ष हो जायेगी. तब हमारी आबादी चीन (China) से ज्यादा युवा होगी. लेकिन, पाकिस्तान (Pakistan) हमसे भी युवा (30.9 वर्ष) रहेगा. चीन की औसत आयु उस वक्त 46 साल हो जायेगी.

इंटरनेशनल एजेंसीज से मिले आंकड़े बताते हैं कि इस वक्त भारत में केरल के लोगों की औसत आयु 31 वर्ष है, तो उत्तर प्रदेश की 20 वर्ष. विकसित राज्यों की औसत आयु पिछड़े राज्यों की तुलना में अधिक है. यानी जो पिछड़े राज्य हैं, वहां युवाओं की आबादी ज्यादा है. दक्षिण भारत के राज्यों में, जहां प्रति व्यक्ति आय अन्य राज्यों की तुलना में ज्यादा है, वहां के लोगों की औसत उम्र भी ज्यादा है.

बिहार से उम्रदराज राज्य हो गया है झारखंड

आंध्रप्रदेश (Andhra Pradesh) के लोगों की औसत आयु 27 वर्ष, तमिलनाडु में 29 वर्ष, कर्नाटक में 26 वर्ष और केरल में औसत आयु 31 वर्ष है. पश्चिम के विकसित राज्यों की बात करें, तो महाराष्ट्र (Maharashtra) में लोगों की औसत आयु 26 वर्ष है, जबकि गुजरात (Gujarat) में 25 वर्ष. अब बात कम विकसित या पिछड़े प्रदेशों की करें, तो उत्तर प्रदेश में औसत आयु 20 वर्ष, बिहार में 20 वर्ष, झारखंड (Jharkhand) में 22 वर्ष, मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में 23 वर्ष और राजस्थान (Rajasthan) में 22 वर्ष है.

रिसर्च में जो तथ्य सामने आये हैं, वो बताते हैं कि वर्ष 2026 में उत्तर प्रदेश के लोगों की औसत उम्र 26.85 वर्ष होगी, तो मध्यप्रदेश में 28.83 वर्ष, बिहार में 29.05 वर्ष और राजस्थान में 29.51 वर्ष लोगों की औसत उम्र हो जायेगी. दूसरी तरफ, केरल, जिसकी वर्तमान में औसत आयु 31 वर्ष है, 4 साल बाद यानी वर्ष 2026 में बढ़कर 37.67 हो जायेगी, जबकि तमिलनाडु में यह 37.29 वर्ष होगी. औसत आयु में ये सबसे बुजुर्ग राज्य माने जायेंगे.

आपको बता दें कि क्षेत्रफल के लिहाज से भारत दुनिया का सातवां सबसे बड़ा राज्य है. आबादी के लिहाज से हम दूसरे सबसे बड़े देश हैं. बावजूद इसके हम अब तक विकसित राष्ट्र नहीं बन पाये. बहरहाल, केरल की औसत आयु इस वक्त 31 वर्ष है, जो अर्जेंटीना की औसत आयु के आसपास है. अर्जेंटीना में लोगों की औसत आयु 30.8 वर्ष है. वहीं, उत्तर प्रदेश अफ्रीकी देश केन्या के आसपास है. केन्या में लोगों की औसत उम्र 18.9 वर्ष है, जबकि उत्तर प्रदेश में 20 वर्ष.

Posted By: Mithilesh Jha

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