पेगासस मामला मानसून सत्र से पहले ही शुरू क्यों होता है, कांग्रेस ने अबतक नहीं पेश किए कोई सबूत: रविशंकर प्रसाद

Monsoon Session Of Parliament इजरायली स्पाइवेयर पेगासस के जरिये प्रमुख लोगों की कथित तौर पर जासूसी करवाने के मामले को लेकर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा और इस प्रकरण की स्वतंत्र जांच करवाने की मांग की. इस पर भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर निशाना साधा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 19, 2021 7:10 PM

Monsoon Session Of Parliament इजरायली स्पाइवेयर पेगासस के जरिये कई प्रमुख लोगों की कथित तौर पर जासूसी करवाने के मामले को लेकर कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने सोमवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और इस प्रकरण की स्वतंत्र जांच करवाए जाने की मांग की. इस पर भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सवाल पूछा है.

न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्यसभा सदस्य रविशंकर प्रसाद ने सवाल करते हुए कहा है कि पेगासस मामला मानसून सत्र से पहले ही शुरू क्यों होता है. क्या कुछ लोग योजनाबद्ध तरीके से लगे हुए थे कि यह मामला मानसून सत्र से पहले ही शुरू करना है, ताकि देश में एक नया माहौल बनाया जाए.

भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने साथ ही कहा कि कांग्रेस पार्टी ने भाजपा पर ऐसे स्तरहीन आरोप लगाए हैं, जो राजनीतिक शिष्टाचार से परे हैं. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भाजपा कांग्रेस द्वारा लगाए गए पेगासस मामले के सारे आरोपों को खारिज करती है. कांग्रेस ने अब तक पेगासस मामले में कोई सबूत पेश नहीं किए हैं.

इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर इस मामले को लेकर कटाक्ष करते हुए ट्वीट किया और कहा कि हम जानते हैं, वह आपके फोन में सब कुछ पढ़ रहे हैं. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने कहा कि यह मुद्दा लोकतंत्र का अपमान है. उन्होंने ट्वीट किया, अगर यह सही है तो मोदी सरकार ने निजता के अधिकार पर भयावह हमला शुरू कर दिया है. यह लोकतंत्र का अपमान है और हमारी स्वतंत्रता पर भी इसके कई दुष्प्रभाव हैं.

वहीं, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सरकार पर निशाना साधते कहा कि भाजपा अब भारतीय जासूस पार्टी बन गई है. राहुल गांधी जी और कई विपक्षी नेताओं, मीडिया समूहों, न्यायाधीशों और कई प्रमुख लोगों की जासूसी कराई गई. उन्होंने कहा कि इस मामले में गृह मंत्री अमित शाह को इस्तीफा देना चाहिए या फिर उन्हें बर्खास्त किया जाए तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका की जांच होनी चाहिए.

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