Lok Sabha Election 2024 : ‘मेरे पास पैसे नहीं’, लोकसभा चुनाव लड़ने की खबर पर निर्मला सीतारमण की दो टूक

Lok Sabha Election 2024 : निर्मला सीतारमण के लोकसभा चुनाव लड़ने की खबर चर्चा का केंद्र बनी हुई थी जिसपर खुद केंद्रीय मंत्री ने अपनी बात रखी है. जानें उन्होंने क्या कहा

By Amitabh Kumar | March 28, 2024 9:50 AM

Lok Sabha Election 2024 : निर्मला सीतारमण के चुनाव लड़ने की बात चर्चा का केंद्र बनी हुई थी जिसपर खुद केंद्रीय मंत्री ने प्रतिक्रिया दी है और उन्होंने इन खबरों को अफवाह बताया है. सीतारमण की ओर से कहा गया है कि उनके पास चुनाव लड़ने के लिए पैसा नहीं है. टाइम्स नाउ समिट 2024 में वह पहुंचीं थीं, जहां उन्होंने लोकसभा चुनाव और चुनावी बॉन्ड पर खुलकर बात की. राज्यसभा सांसद ने इस कार्यक्रम में कहा कि एक हफ्ते या दस दिन तक मैंने सोचा…इसके बाद मैंने जवाब दिया…शायद नहीं…मेरे पास चुनाव लड़ने के लिए पैसा नहीं है.

कार्यक्रम के दौरान निर्मला सीतारमण ने कहा कि मुझे दिक्कत है…चाहे वो आंध्र प्रदेश हो या फिर तमिलनाडु…चुनाव जीतने के लिए और भी मानदंड होते हैं जिसे मैं पूरा करने में सक्षम नहीं हूं…जैसे क्या आप इस समुदाय से हैं या आप उस धर्म से हैं? क्या आप यहीं से हैं? मैंने यह सब सोचा और अपने आप से कहा कि मुझे नहीं लगता कि मैं यह कर पाऊंगी.

Union Finance Minister Nirmala Sitharaman

मेरी बचत मेरी है : निर्मला सीतारमण

आगे केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मुझे बहुत खुशी है कि मेरी इस बात से सहमत हुए और उन्होंने मेरी बात मान ली. मैं लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ रही हूं. जब उनसे सवाल किया गया कि कैसे देश की वित्त मंत्री के पास चुनाव लड़ने के पैसे नहीं हैं? इस सवाल का जवाब उन्होंने बहुत ही तत्परता से देते हुए कहा कि मेरा वेतन, मेरी कमाई, मेरी बचत… मेरी है, भारत की संचित निधि नहीं है. जाहिर तौर पर मेरे पास पैसे नहीं हैं कि मैं चुनाव लड़ सकूं.

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चुनावी बॉन्ड पर क्या बोलीं निर्मला सीतारमण

चुनावी बॉन्ड पर भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बात की और कहा कि सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने चुनावी बॉन्ड भुनाने का काम किया. मामले में किसी को कुछ भी कहने का नैतिक अधिकार नहीं है…ऐसा इसलिए क्योंकि यह सब वैध और कानून के अनुसार ही था. आगे उन्होंने यह भी कहा कि चुनावी बॉन्ड के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर, चुनावों के लिए बेहतर प्रणाली लाने को लेकर और अधिक चर्चा की आवश्यकता है.

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