KUSUM Scheme: किसानों के सिंचाई में आत्मनिर्भर बनने और कमाई की योजना है ‘कुसुम’

KUSUM scheme, Irrigation, Solar power pump : नयी दिल्ली : सिंचाई को लेकर बिजली संकट झेल रहे किसानों को सोलर पंप उपलब्ध कराने के लिए साल 2018-19 के आम बजट में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने किसान ऊर्जा सुरक्षा और उत्थान महाभियान (कुसुम) योजना शुरू की थी. सिंचाई के लिए बिजली या डीजल पर निर्भर किसानों को सोलर के जरिये सिंचाई की योजना कुसुम है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 15, 2021 1:16 PM

नयी दिल्ली : सिंचाई को लेकर बिजली संकट झेल रहे किसानों को सोलर पंप उपलब्ध कराने के लिए साल 2018-19 के आम बजट में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने किसान ऊर्जा सुरक्षा और उत्थान महाभियान (कुसुम) योजना शुरू की थी. सिंचाई के लिए बिजली या डीजल पर निर्भर किसानों को सोलर के जरिये सिंचाई की योजना कुसुम है.

कुसुम योजना का उद्देश्य किसानों को सिंचाई के लिए सौर ऊर्जा उपकरण उपलब्ध कराना है. जिससे वह पंप के जरिये सिंचाई के साथ-साथ खेती के अन्य कार्य के लिए बिजली का उपयोग कर सकें. किसानों की जमीन पर तैयार बिजली से गांव में बिजली की निर्बाध आपूर्ति भी जा सकती है.

Kusum scheme: किसानों के सिंचाई में आत्मनिर्भर बनने और कमाई की योजना है 'कुसुम' 2

इस योजना के तहत किसानों को 20 लाख सोलर पंप दिये जा रहे हैं. सरकार की योजना साल 2022 तक तीन करोड़ सिंचाई पंप को सौर ऊर्जा से चलाने की है. सरकार के निर्धारित बजट के अनुसार योजना पर कुल 1.40 लाख करोड़ रुपये की लागत आयेगी.

किसानों को सौर ऊर्जा उपकरण के लिए मात्र 10 फीसदी ही किसानों को उठाना होगा. सौर ऊर्जा प्लांट बंजर भूमि पर लगाये जायेंगे. केंद्र सरकार किसानों को बैंक खाते में सब्सिडी की रकम देगी. कुसुम योजना के लिए किसानों को लोन के रूप में बैंक 30 फीसदी रकम देंगे.

पहले चरण में डीजल के पंप बदले जायेंगे. इससे डीजल की खपत कम होगी. डीजल की खपत कम होने से कच्चे तेज के आयात में कमी आयेगी. इससे देश की विदेशी मुद्रा कोष में बढ़ोतरी भी होगी. साथ ही बिजली पर किसानों का आश्रित होना कम होगा.

किसानों की आय में भी बढ़ोतरी होगी. किसानों को डीजल या बिजली पर खर्च होनेवाली राशि की बचत तो होगी ही, साथ ही अगर वे ग्रिड को बिजली बेचते हैं, तो उनकी कमाई भी बढ़ेगी. बंजर जमीन जहां खेती नहीं होती, वहां प्लांट लगाने से बंजर जमीन से भी आमदनी होगी.

सरकार का अनुमान है कि देश के सभी सिंचाई पंपों में सौर ऊर्जा का इस्तेमाल होने लगेगा, तो बिजली की बचत के साथ करीब 28 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन भी हो सकेगा. इस योजना के तहत 10 हजार मेगावाट के सोलर इनर्जी प्लांट किसानों की बंजर भूमि पर लगाने की सरकार की योजना है.

कुसुम योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को केवल 10 फीसदी राशि का भुगतान करना है. सब्सिडी के रूप में सरकार 60 फीसदी रकम देगी. यह रकम किसानों के बैंक खाते में आयेगी. योजना के लिए बैंक किसानों को लोन के रूप में 30 फीसदी रकम देंगे.

Next Article

Exit mobile version