Kanhaiya Kumar: ‘बिहार की धरती से हूं, छठी का दूध याद दिला दूंगा’, पढ़ें कन्हैया कुमार के कुछ विवादित बयान

Kanhaiya Kumar: कन्हैया कुमार से केवल जेएनयू का विवाद नहीं जुड़ा है. बल्कि कई ऐसे भी मौके आये जब वे अपने विवादित बोल के कारण चर्चा में रहे. जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे कन्हैया कुमार भारतीय सेना के खिलाफ भी बोलते नजर आ चुके हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 28, 2021 3:01 PM

Kanhaiya Kumar: कन्हैया कुमार जी हां…ये वो नाम है जो अब कांग्रेस के साथ जुड़ने जा रहा है. यदि आपको याद हो तो 2015 में जेएनयू (जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय) छात्रसंघ के अध्यक्ष पद के लिए कन्हैया कुमार के नाम पर विश्‍वास जताया गया. इसके बाद 9 फरवरी 2016 को जेएनयू में एक कश्मीरी अलगाववादी मोहम्मद अफजल गुरु को फांसी के खिलाफ एक छात्र रैली आयोजित की गई जिसमें राष्‍ट्रविरोधी नारे लगाने के आरोप में उनपर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था. कन्हैया के निशाने पर नरेंद्र मोदी और अमित शाह हमेशा रहते हैं. वे कई बार टीवी डिबेट में भाजपा प्रवक्ताओं के साथ दो-दो हाथ करते नजर आते हैं और अपने तर्को से वाह वाही लूटते हैं.

कन्हैया कुमार से केवल जेएनयू का विवाद नहीं जुड़ा है. बल्कि कई ऐसे भी मौके आये जब वे अपने विवादित बोल के कारण चर्चा में रहे. जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे कन्हैया कुमार भारतीय सेना के खिलाफ भी बोलते नजर आ चुके हैं. बात 8 मार्च 2016 की है जब राष्‍ट्रीय राजधानी में कन्हैया ने कश्मीर का जिक्र करते हुए कहा था कि कश्मीर में सेना महिलाओं से बलात्कार करती है. उन्होंने कहा था कि सुरक्षाबलों के लिए मेरे दिल में सम्मान है. लेकिन जब वे कश्मीर का जिक्र किये तो सेना पर आरोप उन्होंने लगा दिया.

बात करें 10 अप्रैल 2016 की तो कन्हैया कुमार ने भाजपा पर हमला करते हुए दिल्ली में कहा था कि वे कहते हैं कि आपको ‘भारत माता की जय’ बोलना ही पड़ेगा. तो मैंने सोचा कि जब मैं शादी करूंगा तो मैं अपनी पत्नी को सुझाव दूंगा. सुझाव ये दूंगा कि वह अपना नाम ‘भारत माता की जय’ रखने का काम करे. मैं अपने बच्चों के नाम भी ‘भारत माता की जय’ रखूंगा. अपना नाम भी बदल लूंगा और ‘भारत माता की जय’ कर लूंगा.

4 फरवरी 2020 की बात का भी जिक्र यहां करें तो अध्यक्ष कन्हैया कुमार के ट्विटर हैंडल से इस दिन एक विवादित ट्वीट किया गया. इस ट्वीट में आरएसएस पर हमला बोलते हुए संघ को धर्म का धंधा करनेवाला बता दिया गया था. कन्हैया ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा था कि ‘हिंदू होने और संघी होने में क्या फर्क है? हिंदुओं के लिए धर्म आस्था है जबकि संघियों के लिए ये धंधा.

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16 फरवरी 2020 को बिहार के नालंदा में कन्हैया कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर हमला करते हुए कुछ आपत्तिजनक शब्दों का चयन किया था. कन्हैया ने अमित शाह को सीधे तौर पर ललकारा था और कहा था कि यदि धर्म के आधार पर किसी की भी नागरिकता लेने का काम किया जाएगा तो मैं चुप नहीं रहूंगा. हम बता देते हैं कि मैं बिहार की धरती से हूं…हम भी छठी के दूध याद दिला देंगे.

Posted By : Amitabh Kumar

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