MP Election 2023: ज्योतिरादित्य सिंधिया के निशाने पर राहुल गांधी! कहा- चुनाव से पहले किया था वादा लेकिन…

MP Election 2023 : कांग्रेस के नेता 2018 के विधानसभा चुनाव में बोलते थे - किसान भाई चिंता मत करना, उनकी सरकार आईं तो दस दिन में किसानों का कर्जा माफ करने का काम किया जाएगा. जानें ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राहुल गांधी को लेकर क्या कहा

By Amitabh Kumar | September 15, 2023 9:16 AM

MP Election 2023 : मध्य प्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इससे पहले बीजेपी प्रदेश में सक्रिय हो चुकी है. पिछले चुनाव में कांग्रेस के लिए वोट मांगने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया इस बार बीजेपी के पक्ष में लोगों से मतदान करने की अपील कर रहे हैं. यही नहीं वे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को निशाने पर ले रहे हैं.

राहुल गांधी का नाम लिए बिना एक बार फिर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मध्य प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने किसानों का कर्ज माफ नहीं किया, जबकि उसके शीर्ष नेता ने विधानसभा चुनाव से पहले वादा किया था. उन्होंने उक्त बात मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के तलेन और सारंगपुर में कही. जहां वे इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी द्वारा निकाली जा रही ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ के दौरान जनसभा को संबोधित कर रहे थे.

किसान की कर्जमाफी को लेकर कांग्रेस पर निशाना

अपने संबोधन में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस के नेता 2018 के विधानसभा चुनाव में बोलते थे – किसान भाई चिंता मत करना, उनकी सरकार आईं तो दस दिन में किसानों का कर्जा माफ करने का काम किया जाएगा. लेकिन उनके राष्ट्रीय नेता की कथनी और करनी सुनिए… 10 दिन गुजर गए, 30 दिन गुजर गए और 15 महीने भी गुजर गए, लेकिन आप बताइए किसी का कर्जा माफ हुआ क्या? उन्होंने आगे कहा कि 15 महीने की तत्कालीन कांग्रेस सरकार (17 दिसंबर 2018 से 23 मार्च 2020 तक) ने वल्लभ भवन को भ्रष्टाचार का अड्डा बनाकर मध्यप्रदेश को दोबारा बीमारू प्रदेश बनाने का काम किया.

Also Read: MP Election 2023: …जलते हैं राहुल गांधी! ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष पर किया हमला

आगे केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि लेकिन प्रदेश में कमलनाथ की सरकार गिरने के बाद शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में फिर बीजेपी की सरकार बनी और वर्तमान में मध्यप्रदेश देश के विकसित राज्यों में अग्रणी पंक्ति में खड़ा नजर आता है. उन्होंने कहा कि साल 2003 तक 56 वर्ष मध्यप्रदेश सत्ता में कांग्रेस रही, जिसने प्रदेश को बीमारू राज्य बनाकर छोड़ दिया. जब कांग्रेस के शासन में कोरोना महामारी ने दस्तक दी तो कांग्रेस के मुख्यमंत्री के पास महामारी से निपटने का वक्त नहीं था. आईफा अवार्ड (फिल्म जगत का पुरस्कार समारोह) के लिए वे इंदौर चले गए.

कोरोना काल का सिंधिया ने किया जिक्र

सिंधिया ने कहा कि वह तो शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी के योद्धा कार्यकर्ता है, जिन्होंने जी-जान लगाकर कोरोना काल में लोगों को मदद पहुंचाई. ऑक्सीजन का सिलेंडर लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने हरक्यूलिस विमान रायपुर भेजा. अगर कांग्रेस होती तो ऐसा कतई संभव नहीं हो पाता. उन्होंने कहा कि कांग्रेस जब सत्ता में थी उस वक्त देश को झोली फैलाकर विदेशी देशों के सामने भीख मांगना पड़ता था, स्मालपॉक्स का वैक्सीन, बीसीजी का वैक्सीन भारत में 10 साल बाद आता था, उसी देश से कोरोनाकाल में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में दो-दो कोरोना रोधी वैक्सीन का अविष्कार हुआ जिससे लोगों की जान बची.

एक रुपया भेजते थे तो 15 पैसा ही पहुंचता था

पुराने दिनों की याद करते हुए सिंधिया ने कहा कि एक समय होता था, तब कांग्रेस के प्रधानमंत्री कहते नजर आते थे वो एक रुपया भेजते हैं तो जनता तक 15 पैसा ही पहुंचता है. लेकिन आज केंद्र की सरकार अगर एक रुपया भेजती है तो पूरा एक रुपया हितग्राहियों के खाते में पहुंचता है. आपको बता दें कि पीएम मोदी भी इस बात को कई सभा में बोल चुके हैं.

Also Read: मंदिर में जेपी नड‍्डा के अगल-बगल यूं बैठे शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया, देखें वीडियो

पिछले विधानसभा चुनाव पर एक नजर

उल्लेखनीय है कि 2018 के मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 230 में से 114 सीटें जीतकर अपना वनवास खत्म किया था, जबकि बीजेपी 109 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही. कांग्रेस ने निर्दलीय, बसपा और सपा के समर्थन से कमलनाथ के नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनाई थी. हालांकि, यह 15 महीनों के बाद यह सरकार गिर गई, जब वर्तमान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों का एक समूह बीजेपी में शामिल हो गया. फलस्वरूप बीजेपी की सरकार बनी और चौहान की मुख्यमंत्री के रूप में वापसी हुई.

भाषा इनपुट के साथ

Next Article

Exit mobile version