समलैंगिक संबंधों को दर्शाता करवा चौथ का विज्ञापन इस वजह से वापस लिया गया, जस्टिस चंद्रचूड़ ने की तीखी टिप्पणी

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने महिलाओं के सशक्तीकरण से संबंधित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की है. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि महिलाओं के अधिकारों के प्रति जागरूकता तभी सार्थक होगी जब युवा पीढ़ी के पुरुषों में यह जागरूकता पैदा की जाये.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 1, 2021 9:57 PM

डाबर इंडिया लिमिटेड के करवा चौथ विज्ञापन को वापस लिये जाने पर सुप्रीम कोर्ट के जज डीवाई चंद्रचूड़ ने तीखी टिप्पणी की है. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि करवा चौथ का यह विज्ञापन जनता की असहिष्णुता की वजह से वापस लिया गया है.

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने महिलाओं के सशक्तीकरण से संबंधित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की है. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि महिलाओं के अधिकारों के प्रति जागरूकता तभी सार्थक होगी जब युवा पीढ़ी के पुरुषों में यह जागरूकता पैदा की जाये. उन्होंने कहा महिलाओं को अधिकार तभी मिलेंगे जब हम उन समस्याओं को दूर करेंगे जो इस समस्या के मूल में है.

गौरतलब है कि डाबर इंडिया लिमिटेड ने करवा चौथ का एक विज्ञापन जारी किया था, जिसमें दो महिलाएं एक दूसरे के लिए करवा चौथ का व्रत करती नजर आ रही थीं. यह समलैंगिक संबंधों को दर्शाता था. इस विज्ञापन के जारी होने के बाद मध्यप्रदेश के मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विज्ञापन को आपत्तिजनक बताते हुए इसे वापस लेने की धमकी दी थी, जिसके बाद कंपनी ने इसे वापस ले लिया था. करवा चौथ हिंदुओं का त्योहार है जिसमें महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं.

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नरोत्तम मिश्रा ने फैशन डिजाइनर सब्यसाची मुखर्जी को भी एक मंगलसूत्र के विज्ञापन को हटाने के लिए 24 घंटे का समय दिया था, जिसके बाद सब्यसाची ने भी विज्ञापन को हटा दिया.

Posted By : Rajneesh Anand

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