Joshimath Crisis: जोशीमठ पर इसरो की रिपोर्ट हो गयी गायब? वेबसाइट पर नहीं खुल रहा लिंक, जानें डिटेल

Joshimath Crisis: इस में बताया जा रहा था कि जोशीमठ में तेजी से भू-धंसान हो रहा है. साथ ही यह भी सामने आया था कि जोशीमठ का प्रभावित पूरा इलाका कुछ दिनों में नष्ट हो जाएगा. हालांकि, अब इस मामले में सूत्रों का कहना है कि संस्थान ने रिपोर्ट वापस ले ली है.

By Aditya kumar | January 14, 2023 12:48 PM

Joshimath Crisis: जोशीमठ इन दिनों केंद्रीय मुद्दा बना हुआ है. आपदा को लेकर राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्रीय गृह मंत्रालय भी अपनी नजर बनाए हुए है. हालांकि इस आपदा को लेकर बीते दिनों इसरो-एनआरएससी ने एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें कुछ फोटो भी थे. इस में बताया जा रहा था कि जोशीमठ में तेजी से भू-धंसान हो रहा है. साथ ही यह भी सामने आया था कि जोशीमठ का प्रभावित पूरा इलाका कुछ दिनों में नष्ट हो जाएगा. हालांकि, अब इस मामले में सूत्रों का कहना है कि संस्थान ने रिपोर्ट वापस ले ली है.

वेबसाइट पर नहीं दिख रही है NRSC की रिपोर्ट

बताया जा रहा है कि जोशीमठ में भूमि धंसान वाली रिपोर्ट अब NRSC की वेबसाइट पर नहीं दिख रही है. साथ ही कहा जा रहा है कि जो भी तस्वीरें जारी की गयी थी उनमें यह बताया गया है कि पिछले साल 2022 के अप्रैल महीने से जोशीमठ में भूमि धंसने की रफ्तार धीरे-धीरे तेज होती जा रही है. हालांकि अब यह रिपोर्ट सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं है. बता दें कि PDF रिपोर्ट का लिंक अब काम नहीं कर रहा है. हालांकि इसरो की तरफ से इससे जुड़ी कोई भी आधिकारिक बयान सामने नहीं आयी है.

NRSC का आधिकारिक वेबसाइट- यहां क्लिक करें

Also Read: Joshimath Crisis: इसरो ने बताया डूब रहा है जोशीमठ! 12 दिनों में 5.4 सेमी का दर्ज किया गया धंसाव, जानें अपडेट
जानिए क्या था रिपोर्ट में?

बता दें कि बीते शुक्रवार को इसरो के नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर ने जोशीमठ, उत्तराखंड के शहर की उपग्रह छवियां जारी की गयी थी जिसमें दिख रहा था कि धीरे-धीरे भूमि धंसने के कारण इलाका डूब रहा है. साथ ही उस रिपोर्ट में बताया गया था कि 12 दिनों में 27 दिसंबर, 2022 और 8 जनवरी, 2023 के बीच 5.4 सेमी का तेजी से धंसाव दर्ज किया गया है. अप्रैल 2022 और नवंबर 2022 के बीच 12-दिवसीय डूबने की दर तेज रही है, जोशीमठ में 9 सेमी की धीमी गिरावट देखी गई. एनएसआरसी की रिपोर्ट में कहा गया था कि पिछले सप्ताह दिसंबर और जनवरी के पहले सप्ताह के बीच तेजी से धंसने की घटना शुरू हुई थी.

Next Article

Exit mobile version