भारत-जर्मनी ने द्विपक्षीय संबंधों पर विस्तृत चर्चा की, यूक्रेन संघर्ष और अफगान में विकास के मुद्दे शामिल

विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा कि आज हमने अपने द्विपक्षीय संबंधों के अलावा प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया. इसमें यूक्रेन में संघर्ष, हिंद-प्रशांत रणनीतिक स्थिति और कुछ हद तक अफगानिस्तान और पाकिस्तान से संबंधित घटनाक्रम शामिल हैं.

By KumarVishwat Sen | December 5, 2022 4:14 PM

नई दिल्ली : भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने सोमवार को अपने जर्मन समकक्ष एनालेना बेयरबॉक से मुलाकात कर यूक्रेन संघर्ष, भारत-प्रशांत क्षेत्र और अफगानिस्तान में विकास सहित व्यापक मुद्दों पर चर्चा की. इसके साथ ही, उन्होंने दिल्ली में जर्मन विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक के साथ नई दिल्ली में संयुक्त संवददाता सम्मेलन को भी संबोधित किया. इस दौरान डॉ जयशंकर ने कहा कि भारत-जर्मनी के विदेश मंत्रियों ने आपस में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और भारत की जी-20 की अध्यक्षता में सुधार सहित बहुपक्षीय मुद्दों के मुद्दे पर भी बात की.

जी-20 की अध्यक्षता पर हुई बातचीत

विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा कि आज हमने अपने द्विपक्षीय संबंधों के अलावा प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया. इसमें यूक्रेन में संघर्ष, हिंद-प्रशांत रणनीतिक स्थिति और कुछ हद तक अफगानिस्तान और पाकिस्तान से संबंधित घटनाक्रम शामिल हैं. उन्होंने कहा कि हमने बहुपक्षीय मुद्दों पर भी चर्चा की. जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की बात आती है, तो भारत और जर्मनी जी4 के ढांचे में बातचीत करते हैं. हमने भारत की जी20 अध्यक्षता पर चर्चा की थी, जो जर्मनी स्वयं एक सफल जी7 अध्यक्षता का समापन कर रहा है.

भारत-जर्मनी के द्विपक्षीय संबंध हुए हैं मजबूत

जयशंकर ने कहा कि हमने जिन मुद्दों पर चर्चा की उनमें तीसरे देश में सहयोग शामिल है. दोनों देशों के बीच घनिष्ठ और मधुर संबंधों के लंबे इतिहास का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जर्मनी पिछले साल हमारे राजनयिक संबंधों की स्थापना के 70वें वर्ष को चिह्नित कर रहा है. उन्होंने कहा कि हमारी रणनीतिक साझेदारी जो दो दशक से अधिक पुरानी है, वास्तव में अधिक राजनीतिक आदान-प्रदान, लगातार बढ़ते व्यापार, अधिक निवेश और मजबूत लोगों से लोगों के बीच संबंध से मजबूत हुई है. दोनों मंत्रियों ने व्यापक प्रवास और गतिशीलता साझेदारी पर एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए.

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यूरोपीय संघ में जर्मनी भारत का सबसे बड़ा भागीदार

व्यापार के मोर्चे पर डॉ जयशंकर ने जर्मनी को यूरोपीय संघ में भारत का सबसे बड़ा भागीदार बताया. उन्होंने कहा कि हम आज व्यापार, निवेश और भौगोलिक संकेतकों पर भारत-यूरोपीय संघ बातचीत का समर्थन कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि वे अच्छी तरह से आगे बढ़ेंगे. एफटीए पर तीसरे दौर की वार्ता अभी समाप्त हुई है. उन्होंने कहा कि एक मुद्दा जो वीजा चुनौतियों के साथ भी आया था, हम आशा करते हैं कि इनमें से कुछ को आने वाले महीनों में संबोधित किया जाएगा, ताकि बैकलॉग को साफ किया जा सके. मुझे पूरा विश्वास है कि हमारे साथी द्वारा किए गए प्रयास होंगे.

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