कोरोना के दो अलग-अलग टीके लगाने से ज्यादा होता है फायदा? जानें दुनियाभर के शोध में क्या पता चला

नयी दिल्ली : कोरोना के वैक्सीन (Corona Vaccine) को लेकर अभी भी कई रिसर्च चल रहे हैं. दो अलग-अलग टीके लगावने का असर भी अध्ययन में देखा जा रहा है. पिछले महीने के नवीनतम शोध में कहा गया है कि मिक्स-एंड-मैच (Mix and Match) इनोक्यूलेशन, जहां एस्ट्राजेनेका शॉट के बाद फाइजर के टीके का एक शॉट दिया गया था. इस मामले में दो एस्ट्राजेनेका डोज की तुलना में अलग-अलग टीकों से ज्यादा एंटीबॉडी बने हैं. हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक यूके, कनाडा, इटली और यूएई जैसे कई देश उन देशों में शामिल हैं, जिन्होंने मिक्स-एंड-मैच इनोक्यूलेशन की अनुमति दी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 2, 2021 12:17 PM

नयी दिल्ली : कोरोना के वैक्सीन (Corona Vaccine) को लेकर अभी भी कई रिसर्च चल रहे हैं. दो अलग-अलग टीके लगावने का असर भी अध्ययन में देखा जा रहा है. पिछले महीने के नवीनतम शोध में कहा गया है कि मिक्स-एंड-मैच (Mix and Match) इनोक्यूलेशन, जहां एस्ट्राजेनेका शॉट के बाद फाइजर के टीके का एक शॉट दिया गया था. इस मामले में दो एस्ट्राजेनेका डोज की तुलना में अलग-अलग टीकों से ज्यादा एंटीबॉडी बने हैं. हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक यूके, कनाडा, इटली और यूएई जैसे कई देश उन देशों में शामिल हैं, जिन्होंने मिक्स-एंड-मैच इनोक्यूलेशन की अनुमति दी है.

वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इससे लाभ होगा. आपूर्ति में देरी और सुरक्षा चिंताओं के बीच दो अलग-अलग कोविड-19 टीकों के मिश्रण और मिलान संयोजन की अनुमति देने के कई मामले आये हैं. जून में, इटली के प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी ने अपनी पहली से अलग कोविड-19 वैक्सीन की दूसरी खुराक ली. ड्रैगी को पहले एस्ट्राजेनेका वैक्सीन दिया गया था बाद में दूसरे डोज के रूप में उन्होंने फाइजर-बायोएनटेक का वैक्सीन लगवाया. जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल को भी एस्ट्राजेनेका की पहली खुराक मिलने के बाद मॉडर्न वैक्सीन दी गयी है.

टीकों के मिक्स-एंड-मैच के लाभों के बारे में वैज्ञानिक क्या कहते हैं?

पूर्व में शोधकर्ताओं ने इबोला जैसी बीमारियों से लड़ने के लिए टीकों को मिलाकर प्रयोग किया है. भारत में रोटावायरस टीकों के संयोजन का भी उपयोग और परीक्षण किया गया है. वैज्ञानिकों का कहना है कि लोगों को दो अलग-अलग टीके देने से एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न हो सकती है, शायद इसलिए कि शॉट प्रतिरक्षा प्रणाली के कुछ अलग हिस्सों को उत्तेजित करते हैं या इसे एक हमलावर रोगजनक के विभिन्न भागों को पहचानना सिखाते हैं.

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टीकों के मिक्स-एंड-मैच के बारे में आंकड़े क्या कहते हैं?

कॉम-सीओवी नामक ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के एक अध्ययन ने कहा है कि वैकल्पिक टीके जहां फाइजर के कोविड-19 वैक्सीन का एक शॉट एस्ट्राजेनेका शॉट के चार सप्ताह बाद दिया जाता है, एस्ट्राजेनेका की एक और खुराक देने की तुलना में बेहतर प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न करेगा. शोधकर्ताओं ने फाइजर और एस्ट्राजेनेका टीकों की मिश्रित दो-खुराक अनुसूचियों की तुलना की और पाया कि उन्होंने किसी भी संयोजन में कोरोनावायरस स्पाइक प्रोटीन के खिलाफ उच्च एंटीबॉडी का निर्माण किया है.

यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ ने हाल ही में मिश्रित बूस्टर खुराक का परीक्षण शुरू किया है. रूसी शोधकर्ताओं ने कहा है कि वे अपने स्पूतनिक-V वैक्सीन और एस्ट्राजेनेका शॉट के संयोजन का परीक्षण कर रहे हैं. स्पूतनिक मिक्स-एंड-मैच दृष्टिकोण पर आधारित है क्योंकि इसके पहले और दूसरे शॉट में अलग-अलग फॉर्मूलेशन होते हैं. स्पैनिश शोधकर्ताओं ने जून में घोषणा की कि जिन लोगों को एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की एक खुराक मिली, उसके बाद फाइजर वैक्सीन की एक खुराक ने एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया दिखाई.

क्या ये सुरक्षित है?

ऑक्सफोर्ड के कॉम-सीओवी अध्ययन के प्रारंभिक आंकड़ों से पता चलता है कि टीकों को मिलाने और मिलाने से बुखार, थकान और सिरदर्द सहित हल्के और मध्यम दुष्प्रभावों की संभावना बढ़ सकती है. अधिकांश दुष्प्रभाव 48 घंटों के भीतर फीके पड़ गये. शोधकर्ताओं ने कहा कि यह भी संभव हो सकता है कि दुष्प्रभाव एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया का संकेत हो.

भारत में क्या है तैयारी

भारत में मई में टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) के तहत कोविड-19 कार्यकारी समूह के अध्यक्ष डॉ एन के अरोड़ा ने कहा कि भारत जल्द ही कोविड-19 टीकों के लिए मिक्स एंड मैच अप्रोच का परीक्षण शुरू कर सकता है. उन्होंने कहा कि हम दो-खुराक वाले कोविड-19 वैक्सीन के परीक्षण की व्यवहार्यता को देख रहे हैं, लेकिन अलग-अलग टीकों के साथ, जिसके लिए परीक्षण कुछ हफ्तों में शुरू हो सकता है.

Posted By: Amlesh Nandan.

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