Indian Railway : इंडिगो विमान की तरह ही रेलवे पर मंडरा रहा है खतरा?
Indian Railway : इंडिगो विमान में आ रही परेशानी के बीच अब भारतीय रेलवे को लेकर बड़ी खबर आ रही है. यूनियन की ओर से कहा गया है कि विमानन संकट रेलवे में लोको पायलटों की लंबे समय से चली आ रही समस्याओं जैसा ही है.
Indian Railway : इंडिगो के कामकाज में रुकावट से विमानन क्षेत्र में जो संकट दिखा है, उसे लोको पायलटों की समस्याओं से मिलती-जुलती स्थिति बताया गया है. एक प्रमुख लोको पायलट यूनियन ने कहा कि रेलवे के लोको पायलट भी लंबे समय से सुरक्षित कामकाज और वैज्ञानिक तरीके से तय कार्य घंटों की मांग कर रहे हैं. ‘ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन’ (AILRSA) ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा कि इंडिगो का विवाद केवल एयरलाइन सेक्टर का मुद्दा नहीं है, बल्कि सभी जोखिम वाले उद्योगों के लिए एक बड़ी चेतावनी है. यूनियन का मानना है कि सुरक्षित और आरामदायक कामकाज जरूरी है, वरना ऐसी समस्याएं बार-बार सामने आ सकती हैं.
रेलवे प्रबंधन के लिए आंखें खोलने वाला है इंडिगो संकट
एआईएलआरएसए के महासचिव के सी जेम्स ने एक बयान में कहा कि चाहे आसमान में हो या रेल पर, कामगार की थकान, सीधे यात्री सुरक्षा के लिए खतरे में बदल जाती है. आधुनिक निद्रा विज्ञान पर आधारित नियमन सिर्फ ड्यूटी से बचने के लिए यूनियन की मांग नहीं हैं. बल्कि, ये सुरक्षा मानकों की मांग हैं. उन्होंने कहा कि मौजूदा विमानन संकट रेलवे प्रबंधन के लिए आंखें खोलने वाला होना चाहिए. लाखों यात्रियों की ज़िंदगी एयरलाइंस से ज़्यादा लोको पायलटों की सतर्कता पर निर्भर करती है, क्योंकि रेलवे में प्रौद्योगिकीय तरक्की एयरवेज़ से कहीं कम है.
हर ड्यूटी के बाद पर्याप्त आराम मिलना चाहिए
विमानन संकट के बीच, यूनियन ने अपनी मांगों को दोहराया जैसे ज्यादा से ज्यादा दो लगातार रात की ड्यूटी, इंसानी शरीर के हिसाब से सही ड्यूटी घंटे और हर ड्यूटी के बाद पर्याप्त आराम, साथ ही सप्ताह में आराम का वक्त होना चाहिये. इसने अलग-अलग रेल दुर्घटनाओं की जांच का भी जिक्र किया, जिसमें चालक दल के कामकाज का वक्त, बेवक्त रहने की बात कही गई है. उन्होंने दावा किया कि 172 साल पुरानी रेलवे ने कभी भी अपने लोको पायलटों की ड्यूटी पर कामकाज का विश्लेषण करने की हिम्मत नहीं की.
