चीन के साइबर युद्ध वाले प्लान को भारतीय सेना देगी मुंहतोड़ जवाब, बनी से रणनीति

चीन की शक्तिशाली साइबर-युद्ध और साइबर-जासूसी की क्षमता के वर्तमान खतरे को देखते हुए भारतीय सेना अब साइबरस्पेस डोमेन को संभालने का प्लान बना रही है.

By Amitabh Kumar | April 28, 2023 10:12 PM

चीन शक्तिशाली साइबर-युद्ध और साइबर-जासूसी क्षमताओं को बढ़ा रहा है जो भारत के लिए खतरा पैदा कर सकता है. हालांकि इसके लिए भारतीय सेना पूरी तरह से तैयार है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारतीय सेना (Indian Army) भी साइबरस्पेस डोमेन को संभालने के लिए देश भर में अपनी प्रत्येक क्षेत्रीय कमांड में साइबर क्षेत्र को समर्पित विशेष एजेंसियां स्थापित करने जा रही है.

चीन की शक्तिशाली साइबर-युद्ध और साइबर-जासूसी की क्षमता के वर्तमान खतरे को देखते हुए भारतीय सेना अब साइबरस्पेस डोमेन को संभालने का प्लान बना रही है. सेना देश भर में अपने प्रत्येक 6 ऑपरेशनल या क्षेत्रीय कमांड में एक डेडिकेटेड विशेष एजेंसियों को स्थापित करेगी. यहां चर्चा कर दें कि भारत के पास 12 लाख सैनिकों की मजबूत सेना है. क्योंकि अब युद्ध करने के तरीके बहुत तेजी से बदलता दिख रहा है और अब दुनिया भर की मिलिट्री हाइब्रिड वॉरफेयर के साथ की तैयारियों के साथ आगे बढ़ती नजर आ रही है. ऐसे में भारतीय सेना को भी चीन के साथ तकनीकी युद्ध कौशल में मजबूत बनना होगा.

तकनीकी युद्ध कौशल में मजबूत बनाने के लिए ड्रोन, ड्रोन झुंड, काउंटर-ड्रोन सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित युद्ध प्रणाली जैसी “आला प्रौद्योगिकियों” के लिए परिचालन को विकसित करने के लिए “लीड डायरेक्टोरेट्स” और “टेस्ट-बेड फॉर्मेशन” भी निर्धारित किये जा रहे हैं. उक्त फैसला पिछले हफ्ते सेना कमांडरों के सम्मेलन के दौरान लेने का काम किया गया है. सेना के तेजी से नेट सेंट्रिसिटी की ओर झुकाव बढ़ा रहा है और यह सभी स्तरों पर आधुनिक संचार प्रणालियों पर बढ़ती निर्भरता को दर्शाता है.

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खबरों की मानें तो सम्मेलन के दौरान नेटवर्क की सुरक्षा की जरूरत की समीक्षा की गयी और तत्काल भविष्य में कमांड साइबर ऑपरेशंस एंड सपोर्ट विंग्स (CCOSWs) को संचालित करने का निर्णय लिया गया.

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