India-UK bilateral meeting: रक्षा सहयोग के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा

भारत-ब्रिटेन व्यापक रणनीतिक साझेदारी और जुलाई 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान अपनाए गए 'भारत-ब्रिटेन विजन 2035' द्वारा निर्देशित एक मजबूत, बहुआयामी और पारस्परिक रूप से लाभकारी रक्षा साझेदारी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की.

By Anjani Kumar Singh | October 10, 2025 7:32 PM

India-UK bilateral meeting: रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने शुक्रवार को मुंबई में ब्रिटेन के रक्षा राज्य मंत्री (हाउस ऑफ लॉर्ड्स के मंत्री) वर्नोन कोकर के साथ द्विपक्षीय बैठक की. यह बैठक यूके कैरियर स्ट्राइक ग्रुप (सीएसजी) की भारत यात्रा के दौरान आयोजित की गई थी. बैठक के दौरान, दोनों पक्षों ने जारी रक्षा सहयोगों की समीक्षा की और भारत तथा ब्रिटेन के बीच सहयोग को और गहरा करने के उपायों पर चर्चा की. दोनों पक्षों ने भारत-ब्रिटेन व्यापक रणनीतिक साझेदारी और जुलाई 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान अपनाए गए ‘भारत-ब्रिटेन विजन 2035’ द्वारा निर्देशित एक मजबूत, बहुआयामी और पारस्परिक रूप से लाभकारी रक्षा साझेदारी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की.

रक्षा राज्य मंत्री ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि प्रिंस ऑफ वेल्स के नेतृत्व में यूके सीएसजी ने भारत के पश्चिमी तट पर भारतीय नौसेना के साथ द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास कोंकण-25 के समुद्री चरण को सफलतापूर्वक पूरा किया. सीएसजी वर्तमान में मुंबई और गोवा में बंदरगाह चरण से जुड़े कार्यकलापों में संलग्न है. उन्होंने इस बात पर बल दिया कि इस तरह की परिचालनगत परस्पर बातचीत ऑपरेशन से जुड़े दर्शन की आपसी समझ को बढ़ाती है और दोनों नौसेनाओं के बीच अंतर-संचालनीयता में महत्वपूर्ण योगदान देती है.

द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा

बैठक के दौरान दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की और उपकरणों के निर्माण तथा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने वाली स्वदेशी प्रणालियों के विकास में भारत की बढ़ती क्षमताओं पर चर्चा की. उन्होंने वैश्विक रक्षा आपूर्ति श्रृंखलाओं में सहयोग और अवसरों सहित सभी क्षेत्रों में संबंधों को सुदृढ़ करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. उन्होंने नौवहन की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए एक स्वतंत्र, खुले और नियम-आधारित विश्व व्यवस्था के समर्थन में हिंद-प्रशांत और हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सहयोग को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराई.