कभी भारत को हथियार बेचने वाले देश अब यहां से खरीद रहे हैं मिसाइल और तोपें, अमेरिका-इस्राइल भी लाइन में

साल 2020 के अंत में केंद्र सरकार द्वारा स्वदेशी मिसाइल ‘आकाश’ के निर्यात पर मुहर लगाने के बाद कई देशों ने आकाश मिसाइल में अपनी रुचि दिखायी है.

By Prabhat Khabar | April 2, 2021 10:59 AM

रक्षा मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत फिलहाल 42 देशों को रक्षा सामग्री निर्यात कर रहा है. आयुध फैक्टरियों द्वारा इस्राइल, स्वीडन, यूएइ, ब्राजील, बांग्लादेश, बुलगारिया आदि देशों को हथियारों की बिक्री की जा रही है. कतर, लेबनान, इराक, इक्वेडोर और जापान जैसे देशों को भारत बॉडी प्रोटेक्टिंग उपकरण निर्यात कर रहा है. यूएइ ने भारत से सर्वाधिक खरीद की है. इन देशों को सबसे ज्यादा डीआरडीओ द्वारा विकसित 155 एमएम तोपें बेची गयी हैं.

42 देशों को हथियार बेच रहा भारत 

साल 2020 के अंत में केंद्र सरकार द्वारा स्वदेशी मिसाइल ‘आकाश’ के निर्यात पर मुहर लगाने के बाद कई देशों ने आकाश मिसाइल में अपनी रुचि दिखायी है. कुछ देश आकाश के अलावा तटीय निगरानी प्रणाली, रडार और एयर प्लेटफॉर्मों की खरीद कर रहे हैं. फ्रांस समेत यूरोप के कुछ देशों और अमेरिका को भी हथियारों की बिक्री के लिए प्रयास किये जा रहे हैं. सैन्य एवं सुरक्षा बलों को आपूर्ति तक ही सीमित रहने वाली आयुध फैक्ट्रियों के लिए इन देशों को हथियारों की बिक्री फायदे का सौदा साबित हो रही है.

Also Read: Indian Railways News: बुजुर्ग दंपती को लोअर बर्थ ना देना टीटीइ को पड़ा मंहगा, अब देना होगा तीन लाख का जुर्माना

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, साल 2016-17 में भारत का रक्षा निर्यात 1521 करोड़ था, जो साल 2018-19 में बढ़कर 10,745 करोड़ रुपये हो गया. यानी करीब 700 फीसदी का उछाल है. केंद्र सरकार ने 2024 तक 35000 करोड़ रुपये का सालाना रक्षा निर्यात का लक्ष्य रखा है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के मुताबिक, भारत सालाना 17,000 करोड़ रुपये का रक्षा निर्यात कर रहा है. साल 2030 तक रक्षा उद्योग में भारत का बड़ा प्लेयर बनकर उभरने का प्लान है.

रक्षा निर्यात बढ़ाने के लिए दूतावास को मिले अधिकार

मंत्रालय के अनुसार, मौजूदा समय में आयुध फैक्टरियों के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया है कि वह अपना कुल आय का एक चौथाई राजस्व निर्यात से हासिल करें. रक्षा निर्यात बढ़ाने के लिए दुनिया भर में फैले भारतीय दूतावासों में मौजूद रक्षा अधिकारियों को ज्यादा अधिकार दिया गया है और उन्हें देशी रक्षा उपकरणों के निर्यात पर फोकस करने को कहा गया है. इसके अलावा रक्षा उपकरणों का निर्यात करने के लिए जिन देशों के साथ भारत के दोस्ताना संबंध हैं, उनके साथ रणनीतिक संबंध सुधारने की कोशिश की जा रही है.

सरकार ने अगस्त-2020 में आत्‍मनिर्भर भारत के तहत 101 रक्षा उपकरणों के आयात पर रोक लगा दी, अब भारत में ही इनके निर्माण किये जा रहे हैं. इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है कि सेना की जरूरतों पर असर न पड़े. सरकार ने रक्षा उपकरणों के निर्माण के लिए 460 से ज्यादा लाइसेंस भी जारी किये हैं.

Next Article

Exit mobile version