India Pakistan Tension: भारत-पाकिस्तान टेंशन के बीच LOC में बंकर तैयार, सफाई शुरू, देखें Video

India Pakistan Tension: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने जो खून की होली है, उसे शायद की कोई हिंदुस्तानी भूल सकता है. एक-एक भारतीय आतंकवादियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग कर रहा है. इस बीच भारत और पाकिस्तान सीमा से सटे एक गांव के लोग बंकरों की सफाई में जुट गए हैं. साथ ही नये बंकर भी बना रहे हैं. उनसे जब पूछा गया कि आखिर ऐसा क्यों कर रहे हैं, तो उन्होंने कहा- दोनों देशों के बीच जो मौजूदा हालात हैं, उसको देखते हुए हम ऐसा कर रहे हैं. आगे उन्होंने जो बातें कहीं, उसे सुनकर आपके मन में गांव के लोगों के प्रति प्रेम और सम्मान बढ़ जाएगा. ग्रामीणों ने कहा, हम नहीं चाहते भारतीय सेना हमें लेकर थोड़ी भी चिंतित हो और कमजोर पड़े.

By ArbindKumar Mishra | April 26, 2025 9:05 PM

India Pakistan Tension: पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद देश में गम और गुस्सा का माहौल है. भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव की बीच LOC से सटे गांव के लोगों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है. सीमा से सटे लोग तनाव की स्थिति को देखते हुए बंकर तैयार करने में जुट गए हैं. साथ ही बंकरों की सफाई भी शुरू कर दी गई है. गांव के लोगों ने जो कहा, उसे सुनने के बाद आप उन्हें सलाम करेंगे. जब गांव के लोगों से पूछा गया कि वो बंकर क्यों बना रहे हैं और उनकी सफाई क्यों कर रहे हैं? इस पर ग्रामीणों ने कहा, “हम अपनी सेना के लिए बाधा नहीं बनना चाहते, इसलिए बंकर की सफाई कर रहे हैं.”

करमारहा गांव के निवासियों ने क्या बताया?

पुंछ के करमारहा गांव के निवासी ने कहा, “सरकार ने हमें बंकर दिए हैं. पहले गोलीबारी के दौरान हम बंकरों में रहते थे. पहलगाम की घटना से हम दुखी हैं. हम अपनी सेना और प्रशासन के साथ हैं. यह सीमावर्ती क्षेत्र है, इसलिए पहले इस क्षेत्र में गोलीबारी की घटनाएं होती थीं. हमने अपने बंकर साफ कर लिए हैं और किसी भी प्रतिकूल परिस्थिति में यहां आ सकते हैं.” उसी गांव के अन्य निवासी ने कहा, “लोग बंकरों को भूल गए थे. अब बंकरों की फिर से सफाई की जा रही है… डर का माहौल है, लेकिन हमें उम्मीद है कि घाटी में सद्भाव कायम रहेगा.”

हम अपनी सेना के लिए बाधा नहीं बनना चाहते

एक निवासी ने कहा, “यह सीमावर्ती क्षेत्र है, इसलिए यहां कुछ भी हो सकता है. इसलिए, घरेलू बंकर लगभग तैयार हैं, लेकिन हमें सामुदायिक बंकर तैयार करने होंगे. हम अपनी सेना के लिए बाधा नहीं बनना चाहते. हम नहीं चाहते कि वे सोचें कि सीमा क्षेत्र के लोग सुरक्षित होंगे या नहीं, इसलिए, हम यह सामुदायिक बंकर तैयार कर रहे हैं.”