Heron Drones: इजरायल से और हेरॉन ड्रोन खरीदेगा भारत, जानिए क्यों भारतीय सेना के लिए खास

Heron Drones: इजरायल से और हेरॉन ड्रोन खरीदेगा भारत, जानें क्या करना चाहती है भारतीय सेना इसे एयर-लॉन्च स्पाइक एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों से लैस करने की योजना पर काम कर रही है, ताकी सेना भविष्य के ऑपरेशनों में इस ड्रोन से दुश्मनों के ठिकानों पर सटीक हमला कर सके. हेरॉन ड्रोन का उपयोग मुख्य रूप से चीनी और पाकिस्तानी सीमाओं पर लंबी दूरी की निगरानी के लिए किया जाता है और ये अत्यधिक प्रभावी भी साबित हुए हैं.

By Pritish Sahay | September 18, 2025 9:53 PM

Heron Drones: भारत सेना की ताकत आने वाले समय में और बढ़ने वाली है. भारतीय सशस्त्र बल इजरायली हेरॉन ड्रोन खरीदने के लिए तैयारी कर रहा है. सेना इसे एयर-लॉन्च स्पाइक एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों से लैस करने की योजना पर काम कर रही है. आर्मी, एयरफोर्स और नेवी अपने-अपने ठिकानों से हेरॉन ड्रोनों का एक बड़ा बेड़ा ऑपरेट कर रहे हैं. खुफिया एजेंसियां ​​भी विशेष अभियानों के लिए हेरॉन ड्रोन का उपयोग करती हैं. न्यूज एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक सेना अब अतिरिक्त हेरॉन ड्रोन खरीद की तैयारी कर रही है. जल्द ही सेना नए ऑर्डर दे सकती है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ खुफिया जानकारी, निगरानी और टोही मिशनों के लिए इसी ड्रोन को तैनात किया था.

ड्रोन को हथियारबंद करने की तैयारी

एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों बताया कि हेरॉन ड्रोनों को हथियारबंद बनाने का प्रयास जारी है. सशस्त्र बलों का एक ब्रांच हेरॉन ड्रोन को स्पाइक-एनएलओएस एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलों से लैस करने पर काम कर रही है, जिससे भविष्य के ऑपरेशनों में यह ड्रोन दुश्मनों के ठिकानों पर सटीक हमला कर सकता है. हेरॉन ड्रोन का उपयोग मुख्य रूप से चीनी और पाकिस्तानी सीमाओं पर लंबी दूरी की निगरानी के लिए किया जाता है और ये अत्यधिक प्रभावी साबित हुए हैं. यही नहीं भारतीय वायु सेना और रक्षा मंत्रालय हेरॉन बेड़े की निगरानी और लड़ाकू क्षमताओं को और उन्नत करने के लिए बीते कई सालों से प्रोजेक्ट चीता पर काम कर रहे हैं.

स्वदेशी ड्रोन विकसित करने की भी योजना

भारत हाल के वर्षों में उन्नत हेरॉन मार्क 2 ड्रोन भी हासिल कर रहा है. ये उन्नत यूएवी उपग्रह संचार प्रणालियों से लैस होते हैं, जिससे ये लंबी दूरी तक लंबी दूरी के मिशनों में उड़ान भरने में सक्षम हैं. इसके साथ ही भारत के पास ड्रोन विकसित करने का अपना स्वदेशी कार्यक्रम भी है. उम्मीद की जा रही है कि कुछ ड्रोन इजरायली रक्षा निर्माताओं के सहयोग से विकसित किए जाएंगे. इनमें हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, लार्सन एंड टुब्रो, सोलर इंडस्ट्रीज डिफेंस एंड एयरोस्पेस और अडानी डिफेंस जैसी प्रमुख रक्षा कंपनियां इजराइली कंपनियों के साथ मिलकर काम कर सकती हैं.