India China Faceoff: भारत ने एलएसी पर तैनात किया फाइटर जेट राफेल, अब चीन नहीं कर पायेगा कोई गुस्ताखी

नयी दिल्ली : चीन की गुस्ताखी का जवाब देने के लिए भारत ने अग्रिम मोर्चे पर लड़ाकू विमान राफेल तैनात किया है. बुधवार को भारतीय वायुसेना ने इस बात की जानकारी दी. राफेल की तैनाती से वास्तविक नियंत्रण रेखा के पूर्वी कमान पर भारत की ताकत बढ़ गयी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 29, 2021 9:12 AM

नयी दिल्ली : चीन की गुस्ताखी का जवाब देने के लिए भारत ने अग्रिम मोर्चे पर लड़ाकू विमान राफेल तैनात किया है. बुधवार को भारतीय वायुसेना ने इस बात की जानकारी दी. राफेल की तैनाती से वास्तविक नियंत्रण रेखा के पूर्वी कमान पर भारत की ताकत बढ़ गयी है. भारत ने हासीमारा के वायुसेना एयरबेस पर फ्रांस से खरीदे गये राफेल फाइटर जेट को तैनात किया है.

बता दें कि इससे पहले हासीमारा में मिग-27 की तैनाती की गयी थी. राफेल के आ जाने के बाद मिग-27 को हटा दिया गया है और इसकी जगह राफेल की तैनाती की गयी है. पिछले दिनों खबरें आयी थी कि एलएसी पर चीन अपनी वायुसेना की ताकत बढ़ा रहा है. चीन ने करीब 16 वायुसेना एयरबेस को मजबूत बनाया है. इसमें से कई एयरबेस नये बनाये गये हैं.

भूटान के आसपास, अरुणाचल की सीमा पर भी चीनी एयरबेस बनाये जाने की खबर है. दो साल पहले हुए गलवान घाटी संघर्ष के बाद भारत और चीन के बीच तनाव अब तक कम नहीं हुआ है. हाल ही में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीनी समकक्ष से मुलाकात में कहा कि भारत यथास्थिति पर कोई भी एकतरफा बदलाव स्वीकार नहीं करेगा.

Also Read: लद्दाख, उत्तराखंड और हिमाचल के पास अपने एयरफोर्स की शक्ति बढ़ा रहा चीन, खुफिया रिपोर्ट में खुलासा

भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने बुधवार को कहा कि पूर्वी क्षेत्र में एयरफोर्स की ताकत बढ़ाने और दुश्मनों को सबक सीखाने के लिए राफेल फाइटर जेट को हासीमारा एयरबेस पर तैनात किया गया है. उन्होंने कहा कि चीन धीरे-धीरे बॉर्डर पर अपनी ताकत बढ़ा रहा है. इसको देखते हुए भारत ने भी एहतिहातन ये कदम उठाया है.

राफेल फाइटर जेट अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है. साल 2020 में भारत को फ्रांस से इस फाइटर जेट की पहली खेप भारत पहुंची थी. भारत ने फ्रांस के साथ 36 विमानों की खरीद का समझौता किया है. राफेल विमान की पहली स्क्वाड्रन हरियाणा के अंबाला वायुसेना एयरबेस पर तैनात है. 101 स्क्वाड्रन में राफेल को शामिल करते हुए भदौरिया ने कहा कि इस स्क्वाड्रन को चंब एंड अखनूर की उपाधी दी गयी है, इसका गौरवशाली इतिहास रहा है.

Next Article

Exit mobile version