India China Border Tension: लद्दाख के हालात 1962 के बाद सबसे गंभीर, विदेश मंत्री जयशंकर ने कही ये बात

India China Border Tension: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने लद्दाख की स्थिति को 1962 के बाद से सबसे गंभीर करार दिया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सभी सीमा स्थितियों का समाधान कूटनीति के जरिए हुआ.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 27, 2020 2:53 PM

India China Border Tension: पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच तनाव जारी है. गलवान घाटी में हुए हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों सीमा पर आक्रामक रुख अपनाये हुए हैं. भारत ने हाल ही पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जवानों को घातक इग्ला मिसाइल के साथ तैनात किया है. इसी बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने लद्दाख की स्थिति पर बयान दिया है. उन्होंने लद्दाख की स्थिति को 1962 के बाद से सबसे गंभीर करार दिया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सभी सीमा स्थितियों का समाधान कूटनीति के जरिए हुआ.

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जयशंकर ने अपनी बुक ‘द इंडिया वे : स्ट्रैटजिज फार एन अंसर्टेन वर्ल्ड’ (INDIA WAY: Strategies for an Uncertain World) रिलीज होने से पहले Rediff.com को इंटरव्यू दिया. इस इंटरव्यू में विदेश मंत्री ने कहा कि निश्चित रूप से ये 1962 के बाद की सबसे गंभीर स्थिति है. पिछले 45 सालों में सीमा पर पहली बार हमारे सैनिकों की मौत हुई है. एलएसी पर दोनों पक्षों की तरफ से बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती है जोकि अप्रत्याशित है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि चीन के साथ सीमा विवाद का समाधान सभी समझौतों एवं सहमतियों का सम्मान करते हुए ही निकाला जाना चाहिए.

वही भारत में चीनी राजदूत सन वेइदॉन्ग ने गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प की घटना पर बुधवार को कहा था कि “कुछ ही समय पहले सीमावर्ती क्षेत्रों में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई थी, जिसे भारत और चीन दोनों ही नहीं देखना चाहेंगे. अब हम इसे ठीक से संभालने के लिए काम कर रहे हैं. यह इतिहास के परिप्रेक्ष्य में एक संक्षिप्त क्षण है.”

बता दें कि चीन को उसी की भाषा में मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय सेनाएं पूरी तरह तैयार हैं. ईस्टर्न लद्दाख बॉर्डर पर जारी तनाव के बीच भारतीय जवानों के पास एक ओर घातक हथियार पहुंच गया है. भारतीय बलों ने पूर्वी लद्दाख में चीन सीमा के पास महत्वपूर्ण ऊंचाइयों पर कंधे से हवा में मार करने वाली वायु रक्षा मिसाइलों से लैस सैनिकों को तैनात किया है. पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के करीब चीनी हेलीकॉप्टरों की गतिविधियों की हाल के दिनों खबरें आयी थीं, ऐसे में भारत ने ये कदम उठाया है.

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