भारत-चीन सैन्य झड़प: कंटीले तार वाले डंडों और पत्थरों से भारतीय सुरक्षा बलों पर हमला, जानें पूरी कहानी

india china border fight, india china standoff, India china clash मई की शुरआत से ही लगातार लद्दाख बॉर्डर पर भारत और चीन के बीच तनातनी का महौल बना हुआ था. लेकिन किसी ने भी यह नहीं सोचा था कि हालात इतने बिगड़ जाएंगे. 15 जून को भी सब ठीक ही था, लेकिन शाम में चीन ने एक बार फिर भारत को धोखा दे दिया.

By Prabhat Khabar Print Desk | June 17, 2020 10:20 AM

india china border fight, india china standoff, India china clash मई की शुरआत से ही लगातार लद्दाख बॉर्डर पर भारत और चीन के बीच तनातनी का महौल बना हुआ था. लेकिन किसी ने भी यह नहीं सोचा था कि हालात इतने बिगड़ जाएंगे. 15 जून को भी सब ठीक ही था, लेकिन शाम होते ही चीन ने एक बार फिर भारत को धोखा दे दिया. पूर्वी लद्दाख में पीछे हटने के वादे से पलटने वाले चीन ने बातचीत के लिए गए भारतीय सैनिकों पर हमला कर दिया.

चीनी सैनिकों ने अनैतिक तरीकों का सहारा लेते हुए कंटीले तार वाले डंडों और पत्थरों से भारतीय सुरक्षा बलों पर हमला कर दिया. अब तक की मिली जानकारी के मुताबिक, हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैनिक शहीद हो गये. पिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय में सबसे बड़े सैन्य टकराव के कारण क्षेत्र में सीमा पर पहले से जारी गतिरोध और भड़क गया है.

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सरकारी सूत्रों ने कहा है कि चीनी पक्ष के भी 43 सैनिक हताहत हुए हैं.सेना ने शुरू में कहा कि एक अधिकारी और दो सैनिक शहीद हुए. लेकिन, देर शाम बयान में कहा गया कि 17 अन्य सैनिक जो अत्यधिक ऊंचाई पर शून्य से नीचे तापमान में गतिरोध के स्थान पर ड्यूटी के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गए थे, उन्होंने दम तोड़ दिया है. इससे शहीद हुए सैनिकों की संख्या बढ़कर 20 हो गयी है.

इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर तनाव के बीच ये तय हो गया था कि 15 जून को सरहद पर चीन सेना का जमावड़ा कम होगा. चीन की सेना गलवान क्षेत्र में अपने इलाके में वापस लौटेगी. दोनों पक्षों के बीच पहले से सहमति थी कि 16 जून को भारतीय सेना के बड़े अधिकारियों की बैठक से पहले चीन की सेना पीछे हटेगी.लेकिन इस सहमति के बावजूद जब चीन की सेना में कोई हरकत नहीं दिखी तो 16 बिहार रेजिमेंट के कर्नल संतोष बाबू के नेतृत्व में भारतीय सेना का छोटा दल चीनी पक्ष के साथ बातचीत के लिए गया.

चर्चा के दौरान चीनी सेना पीछे हटने के मूड में नहीं दिखी. वो जानबूझकर टाल मटोल करते रहे. इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, इसके बाद चीन की सेना ने भारतीय जवानों को घेर लिया और लाठी, पत्थरों और कांटेदार तार से हमला करने लगे. इस भिड़ंत के दौरान एक भारतीय जवान की तुलना में मौके पर चीन के 3 जवान थे, लेकिन इसके बावजूद भारतीय सैनिकों ने अचानक किए गए इस हमले का ना सिर्फ डटकर मुकाबला किया बल्कि मुंहतोड़ जवाब दिया.

लगभग 3 घंटे तक दोनों पक्षों में झड़प होती रही. इस हाथापाई में कमांडिंग ऑफिसर संतोष बाबू को गंभीर चोटें आईं. झड़प शुरू होने के बाद भारतीय सैनिकों की दूसरी टीम मौके पर पहुंची और फिर सेना ने चीन के इस धोखे पर करारा जबाव दिया. खबर है कि भारतीय सेना के पलटवार में चीन को भारी नुकसान पहुंचा है. कई रिपोर्टों के मुताबिक इस हिंसक झड़प में चीन के 40 से ज्यादा सैनिक हताहत हुए हैं. हालांकि, चीन की ओर से इसकी पुष्टि नहीं की गयी है.

इधर, दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने़ समीक्षा के लिए सीडीएस बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठक की. बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मौजूद थे.इस बैठक के बाद पीएम आवास पर भी एक हाई लेवल बैठक हुई, जिसमें गृहमंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हालात पर चर्चा की

Posted By: Utpal kant

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