India China Clash: विरोध के बाद भी भारत ने दक्षिणी चीन सागर में उतारा अपना शक्तिशाली ‘वारशिप’

नयी दिल्ली : पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में पिछले 15 जून को चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है. इस तनाव के बीच भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने दक्षिण चीन सागर (south china sea)के अपने सीमावर्ती क्षेत्र में युद्धपोत की तैनाती की है. दोनों पक्षों के बीच वार्ता के दौरान भारत के इस कदम पर चीन ने आपत्ति जताई है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 30, 2020 5:27 PM

नयी दिल्ली : पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में पिछले 15 जून को चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है. इस तनाव के बीच भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने दक्षिण चीन सागर (south china sea)के अपने सीमावर्ती क्षेत्र में युद्धपोत की तैनाती की है. दोनों पक्षों के बीच वार्ता के दौरान भारत के इस कदम पर चीन ने आपत्ति जताई है.

बता दें कि गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में भारत में 20 से अधिक जवान शहीद हो गये है. चीन के भी कई जवान मारे गये थे, लेकिन उसने इसकी जानकारी नहीं दी. इस समय से जारी तनाव को कम करने के लिए भारत और चीन के बीच कई स्तर की वार्ताओं का आयोजन हो चुका है. लेकिन कई बातों पर अभी तक सहमति नहीं बन पाई है.

सरकार के सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, दक्षिण चीन सागर के क्षेत्र में जंगी जहाज तैनात किया गया है. यह वही क्षेत्र है जहां चीन भारत के जगी जहाज का विरोध करता रहा है. वह समय-समय पर इसके खिलाफ शिकायत भी करता रहा है. भारतीय नौसेना के इस जहाज की तैनाती से चीन में बेचैनी है. चीन ने भारत के सामने यह मुद्दा उठाया है और इस पर विरोध भी जताया है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये एक राजनयिक वार्ता में चीन ने भारत के सामने यह मुद्दा उठाया.

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चीन की मनमानियों पर रोक लगाने के लिए अमेरिका ने भी पिछले दिनों दक्षिणी चीन सागमर में अपने युद्धपोत तैनात किया है. भारत के युद्धपोतों को लेकर चीन हमेशा से विरोध जताता रहा है. इसके बावजूद अमेरिका से लगातार संपर्क में रहते हुए भारत ने अपने युद्धपोत वहां तैनात कर दिये हैं.

दो दिन पहले ही चीन ने पहली बार दक्षिण चीन सागर में अपनी ‘विमानवाहक पोत रोधी’ मिसाइल दागी है. अमेरिकी टोही विमानों की निगरानी के बीच विवादित क्षेत्र में नौसैनिक अभ्यास के तहत ये मिसाइल दागी गयी है. इसे चीन की ओर से अमेरिका को चेतावनी के तौर पर भी देखा गया.

आपको बता दें कि चीन पूरे दक्षिण चीन सागर पर संप्रभुता का दावा करता है. लेकिन वियतनाम, मलेशिया और फिलीपीन, ब्रूनेई और ताईवान इसके विपरीत दावे करते हैं. पूर्वी चीन सागर में चीन का क्षेत्रीय विवाद जापान के साथ है. दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर खनिज, तेल और अन्य प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न कहे जाते हैं.

Posted By: Amlesh Nandan Sinha.

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