कोरोना से डेथ पर WHO के दावे पर आईसीएमआर ने पूछा, संक्रमण से मौत की परिभाषा क्या है?

आईसीएमआर के डीजी ने आगे कहा कि इसके लिए हमने सभी डेटा को एकत्र कर उसका परीक्षण किया और देखा कि पॉजिटिव टेस्ट होने के पहले चार हफ्तों में करीब 95 फीसदी मौतें हुई थीं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 5, 2022 9:42 PM

नई दिल्ली : भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण से हुई मौतों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO) के दावे पर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने सवाल पूछे हैं कि कोरोना वायरस के संक्रमण से मौत की परिभाषा क्या है. उन्होंने कहा कि जब कोरोना से लोगों की मौत हो रही थी, तो हमारे पास ऐसी मौत की कोई परिभाषा नहीं थी. यहां तक कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के पास भी कोई परिभाषा नहीं थी.

कोरोना से मौत की परिभाषा क्या है

आईसीएमआर के महानिदेशक (डीजी) बलराम भार्गव ने गुरुवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन के दावे के बाद कहा किअगर आज कोई पॉजिटिव पाया जाता है और दो सप्ताह, दो महीने या फिर छह महीने के बाद मर जाता है, तो क्या इसे कोरोना से हुई मौत माना जाएगा? उन्होंने कहा कि इसीलिए हमने कोरोना से होने वाली मौत की एक परिभाषा बनाने का प्रयास किया.

पॉजिटिव रिपोट आने के बाद 30 दिन को बनाया मानक

आईसीएमआर के डीजी ने आगे कहा कि इसके लिए हमने सभी डेटा को एकत्र कर उसका परीक्षण किया और देखा कि पॉजिटिव टेस्ट होने के पहले चार हफ्तों में करीब 95 फीसदी मौतें हुई थीं. इसके बाद हम इसकी एक परिभाषा बनाने के निष्कर्ष पर पहुंचे और फिर यह तय किया पॉजिटिव टेस्ट होने के 30 दिनों के अंदर किसी मौत होती है, तो उसे कोरोना से हुई माना जाएगा.

बड़े पैमाने पर व्यस्थित है सारा काम

आईसीएमआर के डीजी बलराम भार्गव ने कहा कि हमारे पास जो डेटा है, वह बहुत बड़ा है. उन्होंने कहा कि 1.3 अरब में से 97-98 फीसदी से अधिक डेटा है, जिन्हें वैक्सीन की पहली खुराक दी गई है. इसके लिए करीब 190 करोड़ वैक्सीन की खुराक का इस्तेमाल किया गया है. उन्होंने कहा कि इतने बड़े पैमाने पर सब काम व्यस्थित रूप से किया जा रहा है.

अतिरिक्त गणना करने की जरूरत क्या है

उन्होंने कहा कि जब हमारे पास इतने बड़े पैमाने पर व्यवस्थित डेटा हो, तो फिर नमूना एकत्र करने, अतिरिक्त गणना करने और प्रेस से रिपोर्ट लेने और उनका अतिरिक्त गणना में इस्तेमाल करने के लिए लेने की जरूरत ही क्या है. बता दें कि भारत ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा प्रामाणिक आंकड़ों की उपलब्धता के बावजूद कोरोना वायरस महामारी से संबंधित अधिक मृत्यु दर अनुमानों को पेश करने के लिए गणितीय मॉडल के इस्तेमाल पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि इस्तेमाल किए गए मॉडल और डेटा संग्रह की कार्यप्रणाली संदिग्ध है.

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स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी जताई आपत्ति

उधर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी एक बयान में कहा कि भारत विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा गणितीय मॉडल के आधार पर अधिक मौत की दर का अनुमान लगाने के लिए अपनाई गई कार्यप्रणाली पर लगातार आपत्ति जताता रहा है. मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि इस मॉडल की प्रक्रिया, कार्यप्रणाली और परिणाम पर भारत की आपत्ति के बावजूद डब्ल्यूएचओ ने भारत की चिंताओं को पर्याप्त रूप से संबोधित किए बिना अतिरिक्त मौत दर का अनुमान जारी किया है.

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