देश में लाॅन्च हुई कोरोना के इलाज की दवा 2DG, जानें इसकी कीमत और डोज सहित हर जरूरी बात…

2DG यानी 2 डीऑक्सी ग्लूकोज, वह दवा है जो कोरोना संक्रमित रोगियों के लिए रामबाण साबित हो सकती है. यह देश में पहली ऐसी दवा है जिसकी मदद से कोरोना संक्रमितों का इलाज किया जायेगा. डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) ने इस दवा को विकस़ित किया है. इसे आज स्वास्थ्यमंत्री डाॅ हर्षवर्धन और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लाॅन्च किया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 17, 2021 5:02 PM

2DG यानी 2 डीऑक्सी ग्लूकोज, वह दवा है जो कोरोना संक्रमित रोगियों के लिए रामबाण साबित हो सकती है. यह देश में पहली ऐसी दवा है जिसकी मदद से कोरोना संक्रमितों का इलाज किया जायेगा. डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) ने इस दवा को विकस़ित किया है. इसे आज स्वास्थ्यमंत्री डाॅ हर्षवर्धन और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लाॅन्च किया.

2DG की खासियत

2 डीजी की विशेषता यह है कि इसे इस्तेमाल करना बहुत ही आसान है. यह एक सैशे में उपलब्ध है जिसे बस घोलकर पी लेना है. वैज्ञानिकों का दावा है कि इसके प्रयोग से मरीजों में रिकवरी जल्दी होती है और उन्हें आॅक्सीजन की जरूरत भी कम पड़ती है. इस दवा को ड्रग्स कंट्रोलर ने कोविड रोगियों पर इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति दी है.

क्या है कीमत

2 डीजी दवा की कीमत अभी घोषित नहीं की गयी है. इसे अभी सिर्फ अस्पतालों को मुहैया कराया जायेगा जिसे वे गंभीर रोगियों जिसे इसकी जरूरत होगी उसे देंगें. इस दवा को डीआरडीओ ने डाॅ रेड्डी दवा निर्माता कंपनी के साथ मिलकर बनाया है. ऐसा बताया जा रहा है जा है कि एक सैशे की कीमत 500 से 600 रुपये हो सकती है. हालांकि अभी दस हजार सैशे ही बनाया गया है जिसे अस्पतालों को दिया जायेगा.

क्या होगा डोज

2डीजी दवा को पांच से सात दिन तक खाना होगा और इसकी दो खुराक एक दिन में मरीजों को दी जायेगी. वैसे यह मरीजों की स्थिति पर निर्भर करेगा कि उन्हें कितनी दवा दी जाये.

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कैसे करता है काम

2 डीजी ग्लूकोज की तरह दिखता है लेकिन यह ग्लूकोज है नहीं. वायरस इंसान के शरीर में तेजी से अपनी संख्या बढ़ाता है इसके लिए उसे ग्लूकोज की जरूरत होती है. जब वह 2डीजी के ग्लूकोज को मरीज के शरीर से लेगा तो वह इस दवा की गिरफ्त में आ जायेगा और वह अपनी संख्या को बढ़ा नहीं पायेगा, जिससे मरीज जल्दी स्वस्थ हो जायेगा. 2 डीजी के प्रयोग से आॅक्सीजन की जरूरत भी कम पड़ती है क्योंकि मरीज के शरीर में जब वायरस अपनी संख्या बढ़ाता है तब ही मरीज को आॅक्सीजन की जरूरत पड़ती है लेकिन जब वायरस अपनी संख्या बढ़ा ही नहीं पायेगा तो मरीज को आॅक्सीजन की जरूरत ही नहीं पड़ेगी. देश में लाॅन्च हुई कोरोना के इलाज की दवा तथा News in Hindi से अपडेट के लिए बने रहें।

Posted By : Rajneesh Anand

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