Govt Change Law : सरकारी जमीन पर कब्जा हो या ये छोटे अपराध, अब जेल नहीं होगी

Govt Change Law : गुजरात सरकार जल्द एक विधेयक लाएगी, जिसमें कुछ अपराधों को जुर्म की श्रेणी से बाहर किया जाएगा. यह पहल विश्वास-आधारित शासन और व्यापार में सुगमता बढ़ाने के उद्देश्य से की जा रही है. अनधिकृत निर्माण, सार्वजनिक स्थानों पर अतिक्रमण को लेकर कुछ नियम बनाने की तैयारी चल रही है.

By Amitabh Kumar | September 5, 2025 7:51 AM

Govt Change Law : गुजरात सरकार जल्द एक विधेयक पेश करेगी, जिसमें कुछ अपराधों को जुर्म की श्रेणी से बाहर किया जाएगा. यह कदम विश्वास-आधारित शासन और व्यापार में सुगमता बढ़ाने के उद्देश्य से उठाने की तैयारी सरकार की ओर से की जा रही है. विधेयक में अनधिकृत निर्माण, सार्वजनिक जगहों पर कब्जा, गंदगी न हटाना, सार्वजनिक स्थानों पर मवेशी बांधना और कुछ टैक्स का भुगतान न करने जैसे अपराधों के लिए अब दंडात्मक कार्रवाई की बजाय जुर्माने का प्रावधान किया गया है.

इन अपराधों के लिए केवल जुर्माना देना होगा

इसके अलावा, बिना नगरपालिका की अनुमति खुले स्थान पर मल या अन्य तरल पदार्थ बहाना, डेयरी उत्पाद बेचना या बिना लाइसेंस कुछ वस्तुओं का इस्तेमाल करने पर भी केवल जुर्माना लोगों पर लगाया जाएगा. सरकार की ओर से यह कदम व्यापार और आम जीवन में सुगमता बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है. विधेयक में बिना अनुमति के किसी भवन में तीर्थयात्रियों को ठहराने, नगरपालिका द्वारा जारी किसी वैध निर्देश या नोटिस का उल्लंघन करने, सड़कों के नाम और संख्या को विकृत करने और अधिकृत व्यक्तियों को किसी परिसर में प्रवेश करने से रोकने जैसे अपराधों के लिए जुर्माने का भी प्रस्ताव किया गया है.

विधानसभा का मानसून सत्र आठ से 10 सितंबर तक

गुजरात के संसदीय एवं विधायी मामलों के मंत्री ऋषिकेश पटेल ने विधेयक के बारे में जानकारी दी. उन्होंने गांधीनगर में कहा कि इसका उद्देश्य नियमों और विनियमों को सरल करना, कारोबार को आसान बनाना और अदालतों पर बोझ कम करना है. पटेल ने कहा कि विधानसभा के आगामी मानसून सत्र के दौरान राज्य सरकार 11 मौजूदा अधिनियमों के कुछ प्रावधानों में संशोधन के लिए ‘गुजरात जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक’ पेश करेगी. पटेल ने मीडिया को बताया कि विधानसभा का मानसून सत्र आठ से 10 सितंबर तक गांधीनगर में होगा और जन विश्वास विधेयक समेत पांच विधेयक सदन में चर्चा और मंजूरी के लिए पेश किए जाएंगे.

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अदालतों का बोझ कम करना है विधेयक का मकसद

विधेयक के अनुसार छोटे-मोटे अपराधों के लिए जेल का डर लोगों और व्यापार पर बुरा असर डालता है. इसलिए सरकार ऐसे अपराधों को जुर्म की श्रेणी से बाहर करने और उनकी जगह सिर्फ जुर्माना लगाने पर विचार कर रही है. इसका मकसद लोगों और व्यापार के लिए जीवन को आसान बनाना और अदालतों का बोझ कम करना है.