तेज हुई रिवरफ्रंट घोटाले की जांच : सीबीआई की टीमों ने यूपी, राजस्थान कोलकाता के 42 ठिकानों पर मारा छापा

gomti riverfront cbi enquiry gomti riverfront latest news gomti riverfront scam Investigation of riverfront scam intensified 40 CBI teams raided 17 districts gomti riverfront news इस मामले में सीबीआई ने दर्जन भर से ज्यादा लोगों के खिलाफ एफआईआर किया है. उत्तर प्रदेश में लखनऊ के अलावा जिन जगहों पर सीबीआई ने छापेमारी की है उनमें मुख्य रूप से नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर, रायबरेली, सीतापुर, इटावा और आगरा शामिल हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 5, 2021 11:48 AM

उत्तर प्रदेश में रिवरफ्रंट घोटाला मामले में सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई की है. सीबीआई की अलग- अलग टीमों ने देश के कई इलाकों में छापेमारी की है जिनमें मुख्य रूप से लखनऊ, गाजियाबाद और देहरादून के 17 जिलों में छापेमारी की है, इसके साथ- साथ सीबीआई ने इस मामले की जांच के लिए पश्चिम बंगाल और राजस्थान में भी छापेमारी की है. 42 ठिकानों पर सीबीआई ने छापा मारा है.

इस मामले में सीबीआई ने दर्जन भर से ज्यादा लोगों के खिलाफ एफआईआर किया है. उत्तर प्रदेश में लखनऊ के अलावा जिन जगहों पर सीबीआई ने छापेमारी की है उनमें मुख्य रूप से नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर, रायबरेली, सीतापुर, इटावा और आगरा शामिल हैं.

Also Read:
Uttarakhand Politics Explained : त्रिवेंद्र, तीरथ और अब पुष्कर क्यों बदल रहे हैं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री, पढ़ें पूरी कहानी

समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान यह घोटाला हुआ था और इस मामले में जांच ने रफ्तार पकड़ ली है. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गोमती नदी पर बने इस रिवरफ्रंट की खूब तारीफ की थी और सपा सरकार की बड़ी महत्वकांक्षी योजनाओं में एक थी.

इस मामले को लेकर जांच तब शुरू हुई जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार साल 2017 में आयी. इस मामले को लेकर जांच शुरू हुई तो कई सरकारी अधिकारी भी घेरे में आ गये. कई अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज हुआ है. इस मामले की जांच ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है और सीबीआई लगातार कई जगहों पर छापेमारी कर रही है.

Also Read: वेंटिलेटर पर फादर स्टेन स्वामी, NHRC ने भेजा महाराष्ट्र सरकार को नोटिस कहा उनकी सेहत का रखें ध्यान

इस मामले में 1500 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप है इसके साथ – साथ मनी लांड्रिंग का भी केस दर्ज किया गया है. सीबीआई के साथ- साथ इस मामले की जांच पर्वतन निदेशालय भी कर रही है. इस मामले में सिर्फ सिंचाई विभाग ने 800 से अधिक टेंडर जारी किये थे.

Next Article

Exit mobile version