Farmers Protest : दिल्ली बॉर्डर जाम करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट नाराज, 8 किसान संगठनों को नोटिस

Farmers Protest, Supreme Court, kisan andolan news दिल्ली बॉर्डर पर पिछले 21 दिनों से जमे हजारों किसानों को हटाने के लिए दायर याचिका पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. जिसमें लंबे समय से बॉर्डर को जाम किये जाने को लेकर कोर्ट ने 8 किसान संबठन को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने उन्हें गुरुवार तक जवाब देने को कहा. सुनवाई के दौरान शाहीन बाग में हुए विरोध प्रदर्शन का उदाहरण दिया गया.

By Agency | December 16, 2020 9:56 PM

दिल्ली बॉर्डर पर पिछले 21 दिनों से जमे हजारों किसानों को हटाने के लिए दायर याचिका पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. जिसमें लंबे समय से बॉर्डर को जाम किये जाने को लेकर कोर्ट ने 8 किसान संबठन को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने उन्हें गुरुवार तक जवाब देने को कहा. सुनवाई के दौरान शाहीन बाग में हुए विरोध प्रदर्शन का उदाहरण दिया गया.

कोर्ट ने जिन किसान यूनियनों को नोटिस जारी किये हैं, उनमें भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू-राकेश टिकैत), बीकेयू-सिदधुपुर (जगजीत एस दल्लेवाल), बीकेयू-राजेवाल (बलबीर सिंह राजेवाल), बीकेयू-लाखोवाल (हरिन्दर सिंह लाखोवाल) जम्हूरी किसान सभा (कुलवंत सिंह संधू), बीकेयू डकौंदा (बूटा सिंह बुर्जगिल), बीकेयू-दोआबा (मंजीत सिंह राय) और कुल हिंद किसान फेडरेशन (प्रेम सिंह भंगू) शामिल हैं.

मालूम हो दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को तुरंत हटाने के लिये न्यायालय में कई याचिकायें दायर की गयी हैं. इनमें कहा गया है कि इन किसानों ने दिल्ली-एनसीआर की सीमाएं अवरूद्ध कर रखी हैं, जिसकी वजह से आने जाने वालों को बहुत परेशानी हो रही है और इतने बड़े जमावड़े की वजह से कोरोना के मामलों में वृद्धि का भी खतरा उत्पन्न हो रहा है. याचिकाओं में विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को हटाने और इस विवाद का सर्वमान्य समाधान खोजने का अनुरोध किया गया है.

शाहीन बाग का दिया गया उदाहरण

सुनवाई के दौरान नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में शाहीन बाग में सड़कें अवरूद्ध किये जाने के खिलाफ अधिवक्ता अमित साहनी की याचिका पर शीर्ष अदालत के सात अक्टूबर के फैसले का भी हवाला दिया गया. कहा गया कि विरोध प्रदर्शन के लिये सार्वजनिक स्थलों पर अनिश्चितकाल तक कब्जा नहीं किया जा सकता है.

क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं किसान

गौरतलब है कि केंद्र के नये कृषि कानूनों के विरोध में किसान नवंबर के अंतिम सप्ताह से ही दिल्ली सीमा पर आंदोलन कर रहे हैं. जिसमें मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा के किसान हैं. आंदोलन खत्म करने को लेकर केन्द्र और किसान संगठनों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है. किसान संगठन इन कानूनों को खत्म करने की मांग पर अड़े हुये हैं और उन्होंने इन कानूनों में कुछ संशोधन करने के सरकार के प्रस्ताव को बार- बार ठुकरा दिया है.

posted by – arbind kumar mishra