Farmers Protest: किसान मोर्चा ने खारिज किया सरकार का प्रस्ताव, 21 फरवरी के बाद बड़े आंदोलन की चेतावनी

Farmers Protest: किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच एक बार फिर से वार्ता विफल हो गई है. किसान नेताओं ने सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. इसके साथ ही बड़े आंदोलन की चेतावनी भी दे दी गई है. किसान नेताओं ने कहा, एमएसपी गारंटी से नीचे कुछ भी मंजूर नहीं है. 21 […]

By ArbindKumar Mishra | February 23, 2024 12:45 PM

Farmers Protest: किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच एक बार फिर से वार्ता विफल हो गई है. किसान नेताओं ने सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. इसके साथ ही बड़े आंदोलन की चेतावनी भी दे दी गई है. किसान नेताओं ने कहा, एमएसपी गारंटी से नीचे कुछ भी मंजूर नहीं है.

21 फरवरी तक सरकार नहीं मानी तो हरियाणा भी आंदोलन में शामिल होगा

किसान नेता गुरनाम सिंह चारुनी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, सरकार के पास 21 फरवरी तक का समय है. सरकार को सोचना और समझना चाहिए कि तिलहन और बाजरा बहुत महत्वपूर्ण हैं. जैसे उन्होंने दालों, मक्का और कपास का उल्लेख किया, उन्हें इन दोनों फसलों को भी शामिल करना चाहिए. अगर इन दोनों को शामिल नहीं किया गया तो हमें इस बारे में फिर से सोचना होगा. हमने फैसला लिया कि अगर 21 फरवरी तक सरकार नहीं मानी तो हरियाणा भी आंदोलन में शामिल होगा.

केंद्र ने दालें, मक्का एमएसपी पर खरीदने के लिए पांच वर्षीय समझौते का प्रस्ताव रखा

किसानों के साथ वार्ता के बाद तीन केंद्रीय मंत्रियों की एक समिति ने दाल, मक्का और कपास सरकारी एजेंसियों द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदने के लिए पांच वर्षीय समझौते का प्रस्ताव रखा है. चंडीगढ़ में रविवार को मंत्रियों के साथ बैठक के बाद किसान नेताओं ने कहा था कि वे सोमवार और मंगलवार को अपने मंच पर सरकार के प्रस्ताव को लेकर चर्चा करेंगे और उसके बाद आगे का फैसला लेंगे.

कर्ज माफी और अन्य मांगों पर चर्चा लंबित है: किसान नेता जगजीत सिंह

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि एमएसपी पर कानून, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें और कर्ज माफी जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई. केंद्र के प्रस्ताव पर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा, कर्ज माफी और अन्य मांगों पर चर्चा लंबित है और उम्मीद है कि मंगलवार तक इनका समाधान हो जाएगा. उन्होंने कहा कि ‘दिल्ली चलो’ मार्च फिलहाल स्थगित है, लेकिन अगर सभी मुद्दे नहीं सुलझे तो 21 फरवरी को सुबह 11 बजे फिर से शुरू होगा.

रविवार को चार घंटे हुई सरकार और किसान नेताओं के बीच वार्ता

किसानों के मुद्दे पर वाणिज्य और उद्योग मंत्री गोयल, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने किसान नेताओं के साथ चौथे दौर की बातचीत की. बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी शामिल हुये. रविवार रात आठ बजकर 15 मिनट पर शुरू हुई बैठक करीब चार घंटे तक चली. इससे पहले तीर की वार्ता पहले ही विफल रही थी.

13 मार्च से किसान कर रहे आंदोलन

पंजाब के किसानों ने अपनी मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए मंगलवार 13 फरवरी को दिल्ली की ओर मार्च शुरू किया था, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें हरियाणा-पंजाब की शंभू और खनौरी सीमा पर रोक दिया. एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के अलावा, किसान कृषकों के कल्याण के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन तथा कर्ज माफी, लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘न्याय’, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की भी मांग कर रहे हैं.

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