चुनाव आयोग के लिए न तो विपक्ष और न ही पक्ष, ‘वोट चोरी’ शब्द का इस्तेमाल भारत के संविधान का अपमान- निर्वाचन आयोग
ECI Press Conference: भारत निर्वाचन आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हर राजनीतिक दल का जन्म चुनाव आयोग में रजिस्ट्रेशन से होता है, तो आयोग उनके साथ पक्षपात कैसे कर सकता है.
ECI Press Conference: भारत निर्वाचन आयोग के चीफ कमिश्नर ज्ञानेश कुमार ने कहा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हर राजनीतिक दल का जन्म चुनाव आयोग में रजिस्ट्रेशन से होता है, तो आयोग उनके साथ पक्षपात कैसे कर सकता है. निर्चवाचन आयोग के लिए न तो विपक्ष होता है न ही विपक्ष होता है.
चुनाव आयोग के लिए सभी समान- ज्ञानेश कुमार
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि भारत के संविधान के अनुसार, 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने वाले प्रत्येक भारतीय नागरिक को मतदाता बनना चाहिए और मतदान भी करना चाहिए. आप सभी जानते हैं कि कानून के अनुसार, प्रत्येक राजनीतिक दल का जन्म चुनाव आयोग में पंजीकरण के माध्यम से होता है. फिर चुनाव आयोग समान राजनीतिक दलों के बीच भेदभाव कैसे कर सकता है? चुनाव आयोग के लिए सभी समान हैं. चाहे कोई भी किसी भी राजनीतिक दल से संबंधित हो, चुनाव आयोग अपने संवैधानिक कर्तव्य से पीछे नहीं हटेगा.
जमीनी हकीकत को नजरअंदाज कर फैलाया जा रहा भ्रम
ज्ञानेश कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग के दरवाजे सभी के लिए समान रूप से खुले हुए हैं. जमीनी स्तर पर, सभी मतदाता, सभी राजनीतिक दल और सभी बूथ-स्तरीय अधिकारी मिलकर पारदर्शी तरीके से काम कर रहे हैं, सत्यापन कर रहे हैं, हस्ताक्षर कर रहे हैं और वीडियो प्रशंसापत्र भी दे रहे हैं. यह गंभीर चिंता का विषय है कि राजनीतिक पार्टियों के जिला अध्यक्षों और उनके द्वारा नामित बीएलओ के ये सत्यापित दस्तावेज, प्रशंसापत्र या तो उनके अपने राज्य स्तरीय या राष्ट्रीय स्तर के नेताओं तक नहीं पहुंच रहे हैं या फिर जमीनी हकीकत को नजरअंदाज करके भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है.
जब जनता साथ खड़ी तो प्रश्नचिन्ह नहीं लगाया जा सकता
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग कदम दर कदम सभी पक्ष बिहार के SIR को पूरी तरह से सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध, प्रयासरत और कड़ी मेहनत कर रहे हैं. जब बिहार के सात करोड़ से अधिक मतदाता चुनाव आयोग के साथ खड़े हैं, तो न तो चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर और न ही मतदाताओं की विश्वसनीयता पर कोई प्रश्नचिन्ह लगाया जा सकता है. मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि वोट चोरी शब्द का इस्तेमाल भारत के संविधान का अपमान है.
करोड़ों कर्मचारियों के रहते कैसे चोरी हो सकता है वोट
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि बिहार में SIR की शुरुआत हो चुकी है. 1.6 लाख बूथ लेवल एजेंटों (BLA) ने एक मसौदा सूची तैयार की है. यह मसौदा सूची हर बूथ पर तैयार की जा रही थी, इसलिए सभी राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंटों ने अपने हस्ताक्षरों से इसे सत्यापित किया. इस दौरान मतदाताओं ने कुल 28,370 दावे और आपत्तियां प्रस्तुत की हैं. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया में एक करोड़ से ज्यादा कर्मचारी, 10 लाख से ज्यादा बूथ लेवल एजेंट, उम्मीदवारों के 20 लाख से ज्यादा पोलिंग एजेंट काम करते हैं. इतने सारे लोगों के सामने इतनी पारदर्शी प्रक्रिया में क्या कोई मतदाता वोट चुरा सकता है?
राहुल गांधी के आरोपों का दिया जवाब
राहुल गांधी के आरोपों को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त ने बिना नाम लिए कहा कि कुछ मतदाताओं ने दोहरे मतदान का आरोप लगाया. जब सबूत मांगे गए, तो कोई जवाब नहीं दिया गया. ऐसे झूठे आरोपों से न तो चुनाव आयोग और न ही कोई मतदाता डरता है.
चुनाव आयोग के कंंधे पर बंदूक रख की जा रही राजनीति
ज्ञानेश कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग के कंधे पर बंदूक रखकर भारत के मतदाताओं को निशाना बनाकर राजनीति की जा रही है, तो आज चुनाव आयोग सभी को यह स्पष्ट करना चाहता है कि चुनाव आयोग निडर होकर बिना किसी भेदभाव के गरीब, अमीर, बुजुर्ग, महिला, युवा सहित सभी वर्गों और सभी धर्मों के मतदाताओं के साथ चट्टान की तरह खड़ा रहा है, खड़ा है और आगे भी खड़ा रहेगा.
